संवाददाता
उत्तराखंड के देहरादून हरिद्वार जैसे बड़े शहरों में देखे तो जाम के कारण आम पब्लिक को परेशानी उठानी पड़ती है उत्तराखंड की आधी आबादी देहरादून, हरिद्वार और यूएसनगर के जिलों में है, लेकिन इन्हीं जिलों में कुल 42.43 फीसदी ही सड़कें उपलब्ध हैं। इसकी वजह से लोगों को आए दिन जाम से जूझना पड़ रहा है। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। उत्तराखंड में सड़कों की कुल लंबाई 47 हजार किमी से अधिक है। प्रति लाख आबादी के हिसाब से 428.58 किमी की सड़कें निर्मित हैं। वहीं, राज्य में आन रोड पंजीकृत वाहनों की संख्या 30.90 लाख से अधिक है।
उत्तराखंड के बड़े शहरों में पिछले कुछ सालों में वाहनों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है .हालांकि, कुछ सालों पहले उत्तराखंड में यूपी से कम वाहनों पर टैक्स पड़ता था।रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के जिन जिलों देहरादून, हरिद्वार और यूएसनगर में 52 फीसदी आबादी रह रही है। वहां कुल पंजीकृत वाहनों की संख्या 77.68 है, लेकिन सड़कों की कुल लंबाई इसके अनुपात में बहुत कम है। अप्रैल, 2020 तक लोनिवि के अधीन कुल 37,319 किमी की सड़कों में 27,807.80 किमी पक्का व 9511.20 किमी कच्चा मोटर मार्ग है।
उत्तराखंड में प्रति लाख जनसंख्या के अनुसार टिहरी जिला सबसे अव्वल है। यहां प्रतिलाख पर 690 किमी तो इसके बाद अल्मोड़ा में 616 किमी लंबी सड़कें उपलब्ध हैं। वहीं, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर व बागेश्वर इस मामले में क्रमश: सबसे पीछे हैं।
जनपदवार सड़कों की लंबाई (किमी) मार्च 2019 तक
सड़कों की लंबाई जनपद
8768 पौड़ी
6768 देहरादून
4470 यूएसनगर
4381 टिहरी
4306 नैनीताल
3968 अल्मोड़ा
3828 हरिद्वार
2846 चमोली
2290 पिथौरागढ़
1665 चंपावत
1336 उत्तरकाशी
994 बागेश्वर
886 रुद्रप्रयाग