गौरव अग्रवाल की रिपोर्ट
कहते हैं कि हौसले और हिम्मत की बदौलत व्यक्ति किसी भी परिस्थिति से जंग जीत सकता है. ऐसा ही एक मामला प्रतापगढ़ जिले के छोटी सादड़ी में देखने को मिला. यहां कोरोना की एक महिला मरीज, जिसे सांस लेने में परेशानी थी और शरीर में मात्र 30 प्रतिशत ऑक्सीजन लेवल होने के चलते परिजन और डॉक्टर भी उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन महिला ने अपने आत्मविश्वास और डॉक्टरों के इलाज के बाद कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को हरा दिया.
सीएचसी प्रभारी डॉ. विजय कुमार गर्ग ने बताया कि दस दिन पहले बरवाड़ा गुर्जर निवासी 45 वर्षीय मंजूदेवी गंभीर अवस्था में अस्पताल पहुंची थी. यहां चिकित्सक ने उसकी जांच की तो उसके ऑक्सीजन सेचुरेशन 30 प्रतिशत तक गिरा हुआ था. उसकी हालत खराब थी. तब उसे तत्काल ऑक्सीजन (Oxygen) दी गई और रूटीन ट्रीटमेंट देकर उसका इलाज किया गया.
करीब दस दिनों में वह वापस सामान्य अवस्था में आ गई. डॉ. सत्यनारायण पाटीदार ने बताया कि इलाज के साथ मरीज में भी आत्मविश्वास की जरुरत है. इससे वह कोरोना (Oxygen level) की जंग को हरा सकता है. उसे यहां से रिलीव करने के पहले करीब बीस घंटे तक बिना ऑक्सीजन के रखा गया ताकि शरीर सामान्य हुआ है या नहीं यह पता लग सके.
इधर, इलाज के दौरान नर्सिगकर्मी और समाजसेवियों की मेहनत रंग लाने लगी और धीरे- धीरे मंजू देवी स्वस्थ होने लगी. सभी मेहनत और मंजू देवी के हौसले से दस दिनों में मंजू देवी स्वस्थ होकर घर अपने परिजनों के बीच पहुंची.
क्या कहना है मंजू देवी का
मंजू देवी ने बताया कि कोरोना महामारी किसी को भी हो सकती है. बीमार व्यक्ति अगर अपने हौसले को टूटने नहीं देगा तो वह पूरी तरफ स्वस्थ हो सकता है. चिकित्सक अपना कार्य बखूबी निभाते हैं. इस कोरोना काल में डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप है. इसी के साथ मंजू देवी ने छोटी सादड़ी चिकित्सालय के सभी डॉक्टर्स, चिकित्सा स्टॉफ व समाजसेवी व कोरोना योद्धा मनीष उपाध्याय, राजकुमार गायरी का आभार जताते हुए कहा कि मेरा यह दूसरा जीवन है.
किसी की टूटी हुई सांस का वापस लौटने का अनुभव लेकर अस्पताल से जाने वाली मंजू देवी ने अपने हौंसला और हिम्मत के दम पर कोरोना को मात तो दी है. साथ ही कई और जो मरीज इस बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए प्रेरणा का भी काम किया है.