वीएस चौहान की रिपोर्ट
7 तारीख को चमोली के श्री गंगा परियोजना के नजदीक रेनी गांव के पास एक तेज आवाज हुई उसके बाद जिसको जिस तरह से मौका लगा उसने पानी के तूफान से बचने के लिए किनारे से दूर जाने का प्रयास किया. क्योंकि बर्फ का बहुत बड़ा हिस्सा धौलीगंगा में आ गिरा था.
उसके बाद वहां चारों तरफ तबाही का मंजर था. पानी तूफान के रूप में भयानक तबाही मचा रहा था. पानी अपने साथ बड़े-बड़े बड़े बड़े बोल्डर और पेड़ पौधे जो भी पानी के रास्ते में आ रहा था पानी उसको बहाकर ले जा रहा था.
रिनी गांव को जोड़ने वाला पुल पानी के इस भयानक तूफान में तिनके की तरह उड़ गया यह कहना मुश्किल है पानी का वह तूफान कितनी जिंदगीयों को बहा ले गया उसके बाद तपोवन में एनटीपीसी का काम चल रहा था. वहां पर भी पावर प्रोजेक्ट का कार्य चल रहा था पानी का तूफान तांडव मचाता हुआ दोनों ही पावर प्रोजेक्ट को ध्वस्त कर दिया वहां पर ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट पर सैकड़ों लोग कार्य कर रहे थे उन को संभलने का मौका भी नहीं मिला सब के सब तिनके की तरफ पानी में बह गए.
चमोली के आपदा में अब तक 23लोगों के शव बरामद हो गए हैं, जबकि 202 लोग लापता हैं। टनल में अभी 25 से 35 लोग फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए सेना, आइटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें लगी हुई हैं। वहीं, इसमें हादसे में छह लोग घायल हो गए हैं। बीते रोज एनटीपीसी से 12 लोगों को बचाया गया है। यह आंकड़े आज दोपहर राज्य आपतकालीन परिचान केंद्र ने जारी किए हैं।
रविवार को ग्लेशियर टूटने के कारण ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन-विष्णुगाड़ जल विद्युत परियोजना ध्वस्त हो गई थी। तपोवन-विष्णुगाड प्रोजेक्ट की दूसरी सुरंग में 30 से 35 व्यक्ति फंसे हैं।
टनल में मलबा भरे होने के कारण उनके रेस्क्यू में दिक्कत आ रही हैं, ऋषिगंगा नदी और धौलीगंगा नदी के उफान में इन दोनों प्रोजेक्टों में काम करने वाले कई श्रमिक व स्थानीय लोग लापता है, जिनकी तलाश में एसडीआरएफ की 11 टीम जुटी हैं, दो टीम रैणी, चार टीम तपोवन, दो टीम जोशीमठ व तीन टीम श्रीनगर में तलाशी अभियान चला रही हैं।
एयरफोर्स के चार हेलीकाप्टरों की भी मदद ली जा रही है। सोमवार को राहत-बचाव के साथ लापता व्यक्तियों के तलाशी में एसडीआरएफ के 70 जवान, एनडीआरएफ के 129 जवान, आइटीबीपी के 425 जवान, एसएसबी की एक टीम, सेना के 124 जवान, आर्मी की दो मेडिकल टीम और स्वास्थ्य विभाग की दो टीमें लगी हैं।
इस हादसे के बाद चमोली से आगे निचले इलाके जहां जहां पानी का सैलाब आने का खतरा था ऐसे ऋषिकेश हरिद्वार और उत्तर प्रदेश के कई इलाके जो गंगा नदी के किनारे पर थे वहां अलर्ट जारी कर दिया गया था हालांकि के सैलाब ने मैदानी इलाकों में तबाही नहीं मचाई क्योंकि डर था कि केदारनाथ आपदा की तरह मैदानी इलाकों में भी तबाही ना आ जाए लेकिन पानी के इस सैलाब ने कृषि गंगा पर ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और धौलीगंगा पर दूसरे पावर प्रोजेक्ट को बहुत नुकसान पहुंचा दिया है.
हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के लिए राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। राज्य सरकार चार और केंद्र सरकार दो लाख रुपये की सहयोग राशि देगी.