पुलिस मुख्यालय में पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने गैर सेंण में आईआरबी की थर्ड बटालियन खोलने की घोषणा की

वीर चौहान की रिपोर्ट

देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय में पुलिस अधिकारियों के सम्मेलन में सीएम त्रिवेंद्र रावत ने गैरसैंण में आईआरबी की थर्ड बटालियन खोलने की घोषणा की। इसमें 900 सिपाहियों की भर्ती होगी। पांच पुलिस लाइनों का उच्चीकरण होगा। इसके साथ ही नये पुलिस मुख्यालय का निर्माण होगा।

सम्मेलन के पहले दिन पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि अभी आईआरबी की दो बटालियन है।लेकिन तीसरी बटालियन गैरसैंण में खोलने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही पौड़ी, चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी की जर्जर पुलिस लाइनों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। पुलिस को आपदा के दौरान और विशेष परिस्थिति में हवाई सेवा के रूप में हेलीकॉप्टर की भी सेवा दी जाएगी। ताकि जल्द से जल्द राहत पहुंचाई जा सके। वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। ताकि हरिद्वार, यूएसनगर जैसे बड़े जिलों में मूवमेंट आसान बनाया जा सके। सरकार स्मार्ट पुलिसिंग की ओर बढ़ रही है।

सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि इसके लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा। नियमावलियों को आसान किया जा रहा है। जिससे प्रमोशन के रास्ते तेजी से खुल रहे हैं। वॉयरलेस में भी 250 के करीब प्रमोशन किए जाएंगे। डीआईजी के पद बढ़ाए जाने के मसले पर उन्होंने कहा कि अभी इस तरह का कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं आया है। इस अवसर पर सचिव गृह नितेश झा, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार समेत अन्य पुलिस अफसर मौजूद रहे।

सीएम ने कहा कि नशे पर रोक लगाने को एंटी ड्रग पॉलिसी बनाई जाएगी। नशे के खिलाफ पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसे और असरदार बनाए जाने की जरूरत है। पुलिस ने अपराध नियंत्रण पर काफी बेहतर काम किया है। स्टूडेंट पुलिस को भी ड्रेस उपलब्ध कराई जाएगी।

सीएम ने कहा कि साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। जल्द एक ओर साइबर थाना खोला जाएगा। इस प्रकार साइबर थानों की संख्या दो हो जाएगी।राजस्व पुलिस के स्थान पर रेगुलर पुलिस को बढ़ाने का मसला एक संवेदनशील मसला है। इसे लेकर लोगों के अलग अलग रुख है। कई स्थानों पर लोग विरोध करते हैं। तो कहीं समर्थन। हालांकि अब लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ रहा है।

20 सालों में पुलिस में हुआ काफी विकास
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि इन 20 सालों में उत्तराखंड पुलिस ने काफी कुछ हासिल किया है। संवेदनशील पुलिसिंग की ओर काफी काम हुआ है। अभी बहुत कुछ हासिल किया जाना है। पुलिस को स्मार्ट, संवेदनशील, सख्त, आधुनिक, अलर्ट, जवाबदेह, विश्वसनीय, दक्ष पुलिस बनाने, ऑपरेशनल प्रशासनिक और मॉर्डनाइजेशन स्तर को बढ़ाने के लिए ही यह सम्मेलन आयोजित किया गया है।

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