उप कारागार में बंदी की मौत के मामले में बंदी रक्षकों का नाम आने पर बंदी रक्षकों ने वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्या के खिलाफ मंगलवार से मोर्चा खोल दिया है। भ्रष्टाचार और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए बंदी रक्षकों ने जेल की बैरक खोलने से मना कर दिया। इस बीच, सुबह से शाम तक जेल में बखेड़ा चलता रहा।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक सहित तीन लोगों को हटाने की मांग कर जेलर सहित 41 जेल कर्मियों ने आईजी जेल को सामूहिक इस्तीफे भेजे हैं। हालांकि, आईजी जेल एपी अंशुमान ने बंदी रक्षकों के इस्तीफे मिलने से इनकार किया है।
हालांकि आईजी जेल ने बताया कि मनोज आर्या से हल्द्वानी जेल का प्रभार लेकर संजीव ह्यांकी को सौंप दिया गया है। उन्होंने बताया कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज आर्या अब सिर्फ नैनीताल जिला जेल का कार्य देखेंगे। डीएम एसडीएम स्तर के अधिकारी से जेल की पूरी घटना की जांच कराएंगे। जांच होने तक प्रधान बंदी रक्षक माजिद अख्तर टिहरी जेल से संबद्ध रहेंगे।
शासन ने जेल का प्रभार आईपीएस प्रहलाद मीणा को दिया था लेकिन उनके अवकाश पर जाने के कारण नैनीताल जिला जेल के अधीक्षक मनोज आर्या को कार्यकारी अधीक्षक के तौर पर हल्द्वानी जेल का प्रभार दिया गया था। 13 मार्च को मनोज आर्या ने हल्द्वानी जेल का कार्यभार संभाला तो बंदी रक्षक खफा हो गए। मंगलवार को जेलर सहित 41 जेल कर्मियों ने मनोज आर्या सहित तीन लोगों को हटाने की मांग को लेकर जेल की बैरक खोलने से मना कर दिया। बंदी रक्षक आईजी जेल और डीएम को बुलाने की मांग कर रहे थे।