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अप्रैल के महीने में ही चिलचिलाती धूप और तपन ने लोगों को परेशान कर दिया है। सुबह 8 बजे की धूप ही अब चुभने लगी है, और जैसे-जैसे दिन चढ़ता है वैसे-वैसे गर्मी का सितम भी बढ़ने लगता है। यहां तक कि कूलर या एसी के बिना रहना मुश्किल हो गया है। बाहर की तपन से बचकर लोग एसी की ठंडी हवा में बैठना पसंद करते हैं।
हम आपको खास तरह की छत के बारे में बता रहे हैं। हरियाणा के हिसार के रहने वाले आर्किटेक्ट गोकुल गोयल ने चिलचिलाती गर्मी के बीच घर को ठंडा रखने का यूनिक आईडिया निकाला है। कुल्हड़ से बनी छत में 45 डिग्री में भी एसी की जरूरत महसूस नहीं होगी।
कैसे बनती है कुल्हड़ से छत
7 हजार कुल्हड़ से छत बनवाने के लिए गोकुल गोयल ने सफाई करने के बाद केमिकल वॉटरप्रूफिंग करवाई। प्रोटेक्शन प्लास्टर लगाने के बाद 7 हजार मिट्टी के कुल्हड़ों को कॉन्क्रीट की मदद से जाली के जरिए अच्छे से पैक किया। इसके बाद मोजेक टाइल्स के टुकड़े करके लगाए। वाइट सीमेंट और वॉटप्रूफिंग के घोल का इस्तेमाल कर पैक कर दिया।
छत पर 3 दिन तक पानी रखा और फिर क्योरिंग की और इसके बाद ग्राइंडर के जरिए फिनिशिंग करते हुए छत को तैयार कर डाला। दावा है कि ऐसा करने से छत पर लीकेज का कोई खतरा नहीं रहता है और गर्मी से हमेशा के लिए राहत मिल जाती है।
क्यों ठंडा रहता है कमरा
दरअस कुल्हड़ की दूसरी लेयर पर लगे मोजेक टाइल्स 70 प्रतिशत गर्मी को रिफलेक्ट कर देती है। और, बची 30 प्रतिशत गर्मी कुल्हड़ में फंसी हवा एब्ज़ॉर्ब कर लेती है। इसलिए ही कुल्हड़ वाली छत की वजह से बिना एसी के भी घर ठंडा रहता है। घर में मिट्टी की खुशबू और ठंडी हवा सुकून देती है। आप चाहें तो थर्माकोल सीलिंग करा सकते हैं यह भी घर को ठंडा रखने में कामरगर है।
बिजली की कितनी होगी बचत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गोकुल गोयल ने इस तरकीब से गर्मियों में बिजली की बचत भी हो रही है। गोकुल का कहना है कि उन्हें 20-25 प्रतिशत बिजली की बचत हो रही है। अब अगर आप घर बना रहे हैं या बने हुए घर में गर्मी से बचना चाहते हैं तो इस उपाय को अपना सकते हैं। कुल्हड़ों से छत बनवाने पर ग्राउंड फ्लोर की तरह टॉप फ्लोर भी फील होगा। कुल्हड़ से छत बनाने की कॉस्ट की बात करें तो इसकी लागत 250 रुपए प्रति स्क्वायर फीट आई है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में किए गए दावे इंस्टाग्राम वीडियो और इंटरनेट पर मिली जानकारी पर आधारित हैं। NEWS EXPRESS INDIA इसकी सत्यता और सटीकता जिम्मेदारी नहीं लेता है।