उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश के चलते बादल फटने, ग्लेशियर टूटने और भूस्खलन के कारण हालात गंभीर ।

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उत्तराखंड में बीते 5-6 दिनों से लगातार जारी मूसलाधार बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर बढ़ने से तबाही का आलम बना हुआ है। यमुनोत्री से लेकर देहरादून तक हो रही बारिश के कारण यात्रा अवरुद्ध है। जगह-जगह बोल्डर और मलबा के कारण रास्ते बंद हैं। हरिद्वार और आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इस वजह से स्थानीय प्रशासन ने फिलहाल यात्रा पर ब्रेक लगा दिया है। मौसम खुलने या मार्ग से मलबा हटाए जाने के बाद यातायात को सुचारू किया जाएगा।

बादल फटने, ग्लेशियर टूटने और भूस्खलन के कारण हालात गंभीर हैं।उत्तरकाशी में बारिश के कारण काफी नुकसान पहुंचा है। यमुनोत्री धाम में लगातार हो रही बारिश के कारण तीर्थयात्रियों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। भारी बारिश के बावजूद यमुना नदी का हाल चेतावनी के जल स्तर से नीचे बह रही है। यमुना नदी अपने धाम यमुनोत्री से ही फिलहाल खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है। यमुना नदी इस समय चेतावनी जल स्तर से काफी नीचे है।

जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र उत्तरकाशी से मिली जानकारी के अनुसार ऋषिकेश यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 94 धरासू में मलबा आने के कारण बंद है। जबकि एनएच 108 पकौड़ा नाला और धराली के पास मलवा आने के कारण बाधित है। बीआरओ मार्ग को खोलने के लिए जुटा हुआ है। विकासनगर बड़कोट राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 123 फिलहाल यातायात के लिए खुला हुआ है।

गंगोत्री गोमुख पैदल मार्ग भी यातायात के लिए सुचारू है। इधर हरिद्वार के पास भी सोनाली नदी के तटबंध टूटने से लक्सर, खानपुर तक तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। नदी पर बना 50 मीटर का तटबंध टूटने से 24 से अधिक गांव में बाढ़ का असर है। नदियां उफान पर हैं और 4 स्टेट हाइवे व 10 लिंक रोड मलबा आने के कारण बंद पड़े हुए हैं।

जोशीमठ के कुछ हिस्सों में मॉनसून की वजह से दरारें फिर से बढ़ रही हैं। कुछ हिस्सों में गड्ढों की गहराई 8 से 9 फीट तक है। लोग एक बार फिर सहम गए हैं। प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो चुका है। वर्तमान हालात को देखते हुए फिलहाल चार धाम यात्रा पर ब्रेक लगा हुआ है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के मार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन होने के कारण बंद हो गए हैं।

 

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