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हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास गंगा के किनारे श्रवणनाथ मठ में पशुपतिनाथ मंदिर बना हुआ है. नेपाल में बने विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर के जैसा ही इसका भी स्वरूप है. श्रद्धालुओं द्वारा इस मंदिर में पूजा करने का विशेष महत्व बताया जाता है. कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजापाठ करने पर भोलेनाथ सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं.इस मंदिर को करीब 200 साल पहले नेपाल नरेश ने ही बनवाया था. सावन महीने के दौरान यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. मान्यता है कि चार धाम यात्रा के बाद यहां दर्शन करने से यात्रा का पूर्ण फल मिलता है.
मंदिर के पुजारी पं. विनय सेमवाल बताते हैं कि हरिद्वार में भगवान पशुपतिनाथ का यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है. बताया, जो श्रद्धालु चार धामों की यात्रा के बाद नेपाल नहीं जा सकते, वे हरिद्वार के में बने पशुपतिनाथ मंदिर में दर्शन करने आते हैं. यहां पूजा करने से उनकी चार धाम यात्रा का पूर्ण फल मिलता है. पुजारी सेमवाल ने बताया कि श्रवणनाथ महाराज निरंजनी अखाड़े के संत थे, जिनकी देखरेख में इस मंदिर का विकास हुआ.
सन 1876 में श्रवणनाथ महाराज ने हरिद्वार के इस पशुपतिनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. नेपाल नरेश जब केदारनाथ में दर्शन करने आए थे, तब उन्हें इतनी प्रसन्नता हुई कि उन्होंने हर की पौड़ी के पास पशुपतिनाथ जी को स्थापित किया था. उन्होंने बताया कि सावन के महीने में जिन श्रद्धालुओं द्वारा यहां 40 दिनों का अनुष्ठान किया जाता है, उनके सभी रुके हुए कार्य पूरे होते हैं.