शिवसेना के इतिहास में पहली बार दो जगह दशहरा रैली हुईं।शिंदे ने कहा- हमने गद्दारी नहीं, क्रांति की। क्योंकि, उद्धव जनता और हिंदुत्व के साथ गद्दारी कर रहे थे।

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शिवसेना के इतिहास में पहली बार दो जगह दशहरा रैली हुईं। शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे की रैली हुई, उन्होंने कहा- शिवसैनिक कटप्पा को माफ नहीं करेंगे। वहीं BKC ग्राउंड पर सीएम एकनाथ शिंदे की रैली में ठाकरे परिवार के कई लोग शामिल हुए। शिंदे ने कहा- हमने गद्दारी नहीं, गदर (क्रांति) की। क्योंकि, उद्धव जनता और हिंदुत्व के साथ गद्दारी कर रहे थे।

शिंदे बोले- गर्व से कहो हम हिंदू हैं
एकनाथ शिंदे ने छत्रपति शिवाजी महाराज, बाला साहेब ठाकरे के जयघोष के साथ अपना भाषण शुरू किया। उन्होंने सबसे पहले कहा- गर्व से कहो हम हिंदू है। मीडिया के मन में सवाल था कि असली शिवसेना कहा है। यहां मौजूद भीड़ को देखकर आप समझ गए होंगे कि बाला साहेब के विचारों के असली वारिस कहां हैं।

आप न्यायालय जाकर शिवाजी पार्क ले सकते हैं। मैं राज्य का मुख्यमंत्री हूं, इसलिए मैदान देने के मामले में हस्तक्षेप नहीं करूंगा। मैंने सबसे पहले आवेदन किया था। हमें मैदान मिल सकता था। कानून-व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी हमारी है। मैदान भले ही हमें नहीं मिला, लेकिन शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे के विचार हमारे साथ हैं।

शिंदे के मंच पर ठाकरे का परिवार
BKC ग्राउंड में एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली में शिंदे को 15 फीट लंबी तलवार भेंट की गई। BKC ग्राउंड में शिंदे की रैली में भाग लेने उद्धव के भाई जयदेव ठाकरे भाभी स्मिता ठाकरे, भतीजे निहार ठाकरे और भाभी स्मिता ठाकरे भी हैं। निहार, उद्धव के सगे भाई बिंदू माधव ठाकरे का बेटा है। वे उद्धव से अलग रहते हैं। बिंदू माधव का अप्रैल 1996 में निधन हो गया था।

हमारा रिमोट एनसीपी को सौंपा
हजारों शिवसैनिकों ने अपना खून-पसीना जिस पार्टी के लिए बहाया, उस पार्टी को आपने कांग्रेस और एनसीपी के आगे गिरवी रख दिया। बाला साहेब रिमोट से सरकारें चलाते थे। आपने अपना रिमोट राष्ट्रवादी और कांग्रेस के हाथ में दिया। बाला साहेब ने जिन्हें हरामखोर कहा, उनके हाथ आपने शिवसेना को बांध दिया। इसलिए हमने शिवसेना के सम्मान के लिए यह कदम उठाया। खुलेआम उठाया। मुझे सबका समर्थन मिल रहा है।

हम बाला साहेब के विचारों के वारिस
शिवसेना न उद्धव ठाकरे की है, न एकनाथ शिंदे की है। यह सिर्फ बाला साहेब ठाकरे के विचारों की और तमाम शिवसैनिकों की शिवसेना है। हम बाला साहेब के विचारों को कभी नहीं छोड़ेंगे।हम सब बाला साहेब के निष्ठावान शिवसैनिक हैं। बाला साहेब के विचारों के असली विरासतदार उनके शिवसैनिक है।

हमें गद्दार और खोकासुर कहा गया। हां, गद्दारी हुई है। वो गद्दारी 2019 में हुई है। जो गठबंधन बनाया, वो बाला साहेब के विचारों से गद्दारी हुई, हिंदुत्व से गद्दारी हुई। महाराष्ट्र की जनता से गद्दारी हुई। चुनाव में बाला साहेब और नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाकर वोट मांगे थे। इसलिए लोगों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन के लिए वोट दिए। लेकिन, आपने उसे नकार कर महाराष्ट्र की जनता के साथ गद्दारी की थी। हमने जो किया गद्दारी नहीं गदर किया है। गदर यानी क्रांति। हम गद्दार नहीं बाला साहेब के सैनिक हैं।

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