VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA
प्रदेश में अभी मात्र एक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में है। जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालांकि रुद्रप्रयाग जिले में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई साल से चल रही है।
प्रदेश में देहरादून और रुद्रपुर में सैनिक स्कूल खुलेंगे। मुख्य सचिव डॉ.एसएस संधु अध्यक्षता में हुई बैठक में इन प्रस्तावों पर फैसला ले लिया गया है। शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के मुताबिक देहरादून में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय और रुद्रपुर में एएन झा इंटर कालेज को सैनिक स्कूल के रूप में चलाने का प्रस्ताव है। जिसे मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है।
शिक्षा सचिव के मुताबिक केंद्र सरकार की ओर से देश भर में 100 सैनिक स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए राज्यों से मानकों को पूरा करने वाले स्कूूलों के प्रस्ताव मांगे गए थे। उत्तराखंड में राजीव गांधी नवोदय विद्यालय देहरादून और एएन झा इंटर कालेज रुद्रपुर सैनिक स्कूल के लिए तकरीबन सभी मानकों को पूरा कर रहे हैं। दोनों का प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जा रहा है। प्रस्ताव भेजे जाने के बाद केंद्र की टीम संबंधित स्कूलों का निरीक्षण करेगी।
प्रदेश में अभी है मात्र एक सैनिक स्कूल
प्रदेश में अभी मात्र एक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में है। जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालांकि रुद्रप्रयाग जिले में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई साल से चल रही है। इस स्कूल को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सैनिक कल्याण और शिक्षा विभाग के बीच तालमेल की कमी के चलते इस स्कूल के भवन निर्माण का मामला पिछले काफी समय से लटका हुआ है।
दरअसल, रुद्रप्रयाग जिले के जखोली में सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था। उपनल एवं अन्य से 10 करोड़ रुपये मंजूर कर उत्तर प्रदेश निर्माण निगम को इसका काम सौंपा गया था। बताया गया है कि यूपी निर्माण निगम की ओर से यह धनराशि बाउंड्रीवाल और रास्ता बनाने में ही खर्च कर दी गई। जिसके बाद से स्कूल के भवन निर्माण का मामला लटका हुआ है।
शिकायत पर स्थगित है एडमिशन
रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए देशभर के जिन 21 नए सैनिक स्कूलों को खोलने की मंजूरी दी थी, उसमें देहरादून के भाऊवाला में स्थित जीआरडी वर्ल्ड स्कूल भी शामिल था, लेकिन स्कूल की मान्यता संबंधी शिकायत पर इसमें प्रवेश को स्थगित रखा गया है।
मानकों को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से हुई देरी
सैनिक स्कूल खोलने के लिए मानकों को लेकर स्थिति स्पष्ट न होने से प्रदेश से प्रस्ताव भेजने में देरी हुई। पहले यह बताया गया कि इसके लिए 25 एकड़ भूमि की जरूरत होगी, लेकिन बाद में पता चला कि आठ एकड़ भूमि में भी सैनिक स्कूल खुल सकता है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया।