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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी को धाकड़ के नाम से प्रचारित किया जाता है। अभी तक उनका पहला और दूसरा कार्यकाल देखें तो उन्होंने राज्य के हर कार्य के लिए श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। अब अपना क्या है। अपना बताने के लिए उनके पास एक बेहतर कार्य होता, लेकिन वो भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। ये कार्य था उत्तराखंड के युवाओं को रोजगार। जब तीरथ सिंह रावत को सीएम पद से हटाकर पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया था,
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूसरे कार्यकाल में भी कहा गया-भाजपा जो कहती है, वो करती है। पर इस बार उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग में नकल, पेपर लीक भर्ती घोटाला सामने आया और एसआइटी की जांच में ये नियुक्तियां भी उलझ गई। इसके बाद विभिन्न विभागों में नौकरी घोटाले को लेकर सरकार पर अंगुली उठाने का क्रम सिलसिलेवार शुरू हो गया। अब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल पर अपने लोगों को विधानसभा सचिवालय में नियुक्ति देने का प्रकरण सामने आया तो वहीं, बीजेपी ने ऐसा ही आरोप पूर्व में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष गोविंद कुंजवाल पर भी लगाया। इसके बाद पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी अपने परिवार के लोगों और रिश्तेदारों में आठ लोगों को नियुक्ति देने का मामला भी सामने आया। इसी तरह अन्य कई विभागों में जेसे ऊर्जा निगम में जेई भर्ती, पुलिस दरोगा भर्ती सहित अन्य सारी विवादित भर्तियों की सीबीआइ जांच की मांग उठने लगी। कांग्रेस इस मांग को लेकर लगातार सरकार पर प्रहार कर रही है। वहीं, यूकेडी युवा कार्यकर्ता देहरादून में धरना दे रहे हैं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और कुंजवाल पर भी लगे आरोप
विधानसभा में बैकडोर से नौकरी देने के आरोप बीजेपी नेता एवं कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पर लगने से उत्तराखंड भाजपा असहज हो गई है। प्रेमचंद अग्रवाल वर्तमान में वित्त और शहरी विकास-आवास मंत्री हैं। उन पर आरोप है कि पूर्व में विधानसभा अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने विधानसभा में अपने चहेतों को नौकरी बांट दी। इस पर उनका तर्क है कि पहले वालों ने भी ऐसा ही किया, जो मैंने किया। इसमें अलग क्या कर दिया। वह सभी नियुक्तियों को जायज बता रहे हैं। वहीं, कांग्रेस शासनकाल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुंजवाल ने कहा कि मैंने डेढ़ सौ लोगों को विधानसभा में नौकरी दी। अपने बेटे-बहु को नहीं दे सकता क्या? वहीं, कुंजवाल अब अपने इस कृत्य की माफी मांगते फिर रहे हैं।
सीएम धामी ने विधानसभा अध्यक्ष के पाले में डाली गेंद
विधानसभा में नौकरी प्रकरण को लेकर अब सीएम पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडू़ड़ी के पाले में गेंद डाल दी है। उन्होंने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा। इसमें कहा कि राज्य सरकार अधिनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से की गई नियुक्तियों में अनियमितताओं के आरोपियों की गहनता से जांच और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के संबंध में कदम उठा रही हैं। विधानसभा सचिवालय में नियुक्तियों को लेकर चल रहे विवाद के दृष्टिगत विचार करने का कष्ट करें। उन्होंने लिखा कि सचिवालय में नियुक्तियों की उच्च स्तरीय जांच करना और अनियमितता की स्थिति में ऐसी सभी नियुक्तियों को निरस्त करना उचित होगा। साथ ही उन्होंने विधानसभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्ति के लिए प्रावधान करने का भी सुझाव दिया। हालांकि, राज्य के राजनीतिक दलों के साथ ही आमजन इन नियुक्तियों की सीबीआइ से जांच की मांग कर रहे हैं। अब सीएम धामी के इस पत्र को मीडिया की ओर से धामी के धाकड़ रूप में प्रचारित किया जा रहा है।वहीं, सवाल यह है क्या ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी सचमुच धाकड़ धामी हैं .