दिल्ली से हरिद्वार जा रही रोडवेज बस में बदमाशों ने परिचालक पर क‍िया हमला. छह हजार की नगदी लूटी. लूट की स्क्रिप्ट दिल्ली से शुरू हरिद्वार में लूट हुई थी.पढ़ें पूरी स्टोरी.

Amar Singh for NEWS EXPRESS INDIA

कहावत या मुहावरा यह है कि न जाने कब इंसान के भेष में भगवान मिल जाए लेकिन आजकल तो बदमाशों हौसले बुलंद है अब तो कहावत यह है अगर आप इसी रोडवेज बस में यात्रा कर रहे हैं न जाने कब यात्री के भेष में बदमाश मिल जाए. इसके लिए आपको खुद ही सतर्क रहना पड़ेगा एक ऐसा ही मामला मंगलवार को दिल्ली से हरिद्वार आ रही रोडवेज बस में घटित हुआ. और वहां यात्री के वेश में बदमाश मिल गए जिन्होंने मिलकर परिचालक को ही लूट लिया. पूरी घटना इस प्रकार है

रुड़की डिपो की एक बस मंगलवार की शाम को दिल्ली से हरिद्वार जा रही थी। इस दौरान मोहन नगर से बस में तीन युवक सवार हो गए। तीनों ने मोहन नगर से रुड़की तक का टिकट लिया और उन्होंने परिचालक को बताया कि उनके पास कैश नहीं है।उन लड़कों ने कहा कि रुड़की उतरकर वह उसे एटीएम से पैसा निकाल कर दे देंगे।

रोडवेज बस के परिचालक ने उनका विश्वास कर लिया. इसके बाद बस चलती रही। बस मेरठ मुजफ्फरनगर पार करती हुई रुड़की पहुंच गई. इसी बीच युवक आपस में बातचीत करते रहे. अगर वह युवक चाहते तो इतनी दूरी तय करने पर कहीं ना कहीं किसी के एटीएम से पैसा निकाल कर परिचालक को दे सकते थे शायद उनकी इरादे कुछ और थी रोडवेज का परिचालक भी नहीं समझ पाया था और जैसे ही बस रुड़की से थोड़ा आगे हरिद्वार रोड स्थित आरआर सिनेमा पर पहुंची, तभी अचानक तीन बाइकों पर सवार आठ युवकों ने बस को घेर लिया.

बस रुकते ही युवक बस के अंदर दाखिल हो गए और उन्होंने परिचालक विकास के सिर पर लोहे की राड से हमला कर दिया, जिससे वह लहूलुहान होकर बस के अंदर गिर पड़ा। इसके बाद आरोपितों ने उसकी जेब से छह हजार की नकदी छीन ली और कपड़े भी फाड़ डाले और बाइकों पर सवार होकर भाग निकले। बस में पहले से मौजूद तीनों युवक भी हमलावरों के साथ निकल गए।घटना के समय बस में 8 से 10 सवारी मौजूद थी, लेकिन किसी ने भी प्रतिरोध नहीं किया।

चालक ने इस बात की सूचना परिवहन निगम के अधिकारियों को दी। सूचना पाकर रुड़की डिपो के वरिष्ठ प्रभारी विवेक कपूर अन्य स्टाफ को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। यहां से वह घायल परिचालक को लेकर रुड़की सिविल अस्पताल में पहुंचे लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने मामला पुलिस का होने का बताकर उपचार देने से ही मना कर दिया।

इसके बाद वह कोतवाली सिविल लाइन पहुंचे और पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मेडिकल पर्ची बनाकर परिचालक को सिविल अस्पताल भिजवा दिया। कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।

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