विदेश भागने की आशंका के चलते एमएलसी हाजी इकबाल, उसके परिजनों और गैंग में शामिल सदस्यों की घेराबंदी तेज: कौन है यह शख्स? क्यों पुलिस पीछे लगी है? पढ़ें पूरी स्टोरी.

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सहारनपुर में पुलिस ने खनन माफिया बसपा के पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल, उसके परिजनों और गैंग में शामिल सदस्यों की घेराबंदी तेज कर दी है। पुलिस को खनन माफिया और उसके भाई पूर्व बसपा एमएलसी महमूद अली के विदेश भागने की आशंका है। इसके चलते पुलिस ने हाजी इकबाल और गैंग के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है। इसलिए यह नोटिस जारी करने की कार्रवाई की गई है।

गैंगस्टर समेत कई मामलों में वांछित चल रहे हाजी इकबाल, उसके भाई पूर्व एमएलसी महमूद अली और उसके बेटों की गिरफ्तारी के लिए एसआईटी और पुलिस लगातार दबिश डाल रही है। सर्विलांस के जरिए भी उन्हें तलाशा जा रहा है।

वहीं सर्विलांस की मदद से पुलिस गुरुवार की रात उसके छोटे बेटे अलीशान को दिल्ली के लाजपत नगर स्थित अपार्टमेंट से गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। उसके कब्जे से एक फॉर्च्यूनर गाड़ी भी मिली है, जिसके कागजात नहीं होने पर उसे सीज किया गया है।

महानगर में हाजी इकबाल के दफ्तर और कोठी व मिर्जापुर में उसकी सभी कोठी पर ताले लगे हैं। हाजी इकबाल और उसके बेटों और भाई की गिरफ्तारी के लिए पुलिस और एसआईटी की टीमें लगी हुई हैं।

एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि हाजी इकबाल उसके भाई के विदेश भागने की आशंका है, इसलिए हाजी इकबाल और उसके गैंग में शामिल सभी लोगों के लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में लगी हुई है।

 इकबाल की पत्नी ने शासन से लगाई न्याय की गुहार
पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल की पत्नी फरीदा बेगम ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीएम, एसएसपी समेत आला अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेज कर अपने पति की संपत्ति के जब्तीकरण की कार्रवाई रोके जाने की गुहार लगाई है। फरीदा बेगम ने प्रार्थना पत्र में कहा कि उसके पति हाजी इकबाल के खिलाफ मिर्जापुर थाने में गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें उसके पति की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई हाईकोर्ट के आदेशों के विपरीत की जा रही है।

फरीदा बेगम ने पत्र में दावा किया कि उनके पति हाजी इकबाल द्वारा एक क्रिमनल एंटीसिपेटरी बेल हाईकोर्ट इलाहाबाद में दाखिल कराई थी, जिसमें हाईकोर्ट द्वारा 12 मई को उनके पति व बेटों की अग्रिम जमानत स्वीकार कर ली है और उनके पति हाजी इकबाल आदि के खिलाफ कोई भी क्रिएटिव एक्शन न लेने और धारा 14-ए के तहत कोई कार्रवाई न करने का आदेश पारित किया है।

पुलिस के मुताबिक हाजी इकबाल ने अवैध खनन से करोड़ों रुपये का साम्राज्य खड़ा किया। हजारों बीघा बेनामी जमीन अपने रिश्तेदारों और नौकरों के नाम कराई है। धोखाधड़ी कर सरकारी जमीन के पट्टे की भूमि को अपने एजुकेशन ट्रस्ट के नाम करा दी। जिनके मुकदमे हाजी इकबाल, उसके भाई हाजी महमूद अली और बेटों के नाम दर्ज हैं।जब्त की गई संपत्ति में मिर्जापुर में स्थित हाजी इकबाल की ग्लोकल यूनिवर्सिटी की भी जमीन है, जिसे उसने फर्जी तरीके से ट्रस्ट के नाम कराया था।

खनन माफिया का काला चिट्ठा खोलने के लिए एसएसपी आकाश तोमर ने हाजी इकबाल एसोसिएट की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।

अप्रैल माह में हाजी इकबाल उसके चारों बेटों और नौकर नसीम आदि के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। पुलिस उसके नौकर नसीम और छोटे बेटे अलीशान को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। गैंगस्टर एक्ट में ही पुलिस अब उसकी करोड़ों की बेनामी संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। एसएसपी आकाश तोमर ने बताया कि डीएम के आदेश पर अब पुलिस ने हाजी इकबाल की मिर्जापुर क्षेत्र में 107 करोड़ की कीमत की 125 बेनामी संपत्तियों को कुर्क किया है। एसपी देहात सूरज राय के नेतृत्व में पुलिस ने राजस्व विभाग की टीम के साथ करीब 1350 बीघा इस जमीन पर कब्जे लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

पुलिस ने उनकी 21 करोड़ की करीब 50 संपत्ति कुर्क कर राजस्व विभाग के जरिए कब्जे में ली थी। यह बेनामी संपत्ति उसने अपने नौकर नसीम के नाम कर रखी थी। जिसमें 600 बीघा जमीन भी शामिल थी। नौकर के नाम अभी तीन चीनी मिल भी है, जिनको कुर्क करने की प्रक्रिया में पुलिस लगी है।

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