उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स और उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस की संयुक्त टीम ने करीब एक अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले का खुलासा किया.

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उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स और उत्तराखंड साइबर क्राइम पुलिस की संयुक्त टीम ने करीब एक अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले का खुलासा किया है. इस मामले में STF ने दो लोगों को मध्य प्रदेश के भोपाल से गिरफ्तार किया है. आरोपी रचित शर्मा और सुरेश यादव अपने आप को फिल्म इंडस्ट्रीज में प्रोड्यूसर बताते हैं. इस गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हुए हैं.

दरअसल, एसटीएफ के मुताबिक गिरोह के सदस्य फर्जी वेबसाइट बनाकर कंबोडिया और हांगकांग से मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर क्राइम जैसी वारदातों को अंजाम देते थे. एसटीएफ अभी दोनों आरोपियों से पूछताछ कर उनके नेटवर्क की जानकारी जुटाने में लगी हुई है. आरोपी अभी तक मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए करीब एक अरब रुपये का ट्रांजैक्शन कर चुके हैं. इसके सुबूत एसटीएफ को मिले हैं. दोनों आरोपी भोपाल के रहने वाले हैं और करीब एक अरब रुपया अलग-अलग फिल्मों को प्रोड्यूस करने के नाम पर लगाया है.

आरोपियों के कब्जे से टीम को 15 एटीएम कार्ड और कई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस मिले हैं. इसके साथ ही दोनों के बैंक खातों में भी करीब 15 लाख रुपये की रकम थी, जिसे फ्रीज करा दिया गया है. एसटीएफ के मुताबिक पूर्व में पंजाब के फरीदकोट से गिरफ्तार आरोपी रोहित के जरिए पुलिस इन तक पहुंची. रोहित ने अपने एक साथी के साथ मिलकर कुछ फर्जी बेवसाइट बनाई थीं. इसके साथ ही कुछ फेक बैंक खाते खोले थे.

ऑनलाइन कारोबार का सपना दिखाकर देहरादून में ठगी
रोहित ने देहरादून के व्यक्ति को सोना, मसाला और शराब के ऑनलाइन कारोबार का सपना दिखाया था. इसके नाम पर रोहित ने उस व्यक्ति से 15 लाख रुपये ठग लिए थे. एसटीएफ ने जब आरोपी रोहित से पूछताछ की तो उनसे बताया था कि वो सारी रकम Binance Wallet के माध्यम से USDT Currency में जमा कराता था. इसके बाद एसटीएफ ने इस मामले की गहनता से तफ्तीश की तो पता चला कि इस गिरोह के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जुड़े हुए हैं.

हवाला के जरिए विदेशों में निवेश
ये गिरोह भारत में लोगों से ऑनलाइन ठगी करके उन पैसों को हवाला के जरिए विदेशों में इन्वेस्ट करता है. आरोपी विदेशी फिल्मों में इन्वेस्टमेंट के नाम पर भारत का पैसा लगाया जा रहा है. इसके बाद एसटीएफ ने स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस से जानकारी ली और उनका विश्लेषण किया तो मनी लॉन्ड्रिंग का पूरा खेल सामने आ गया. इसमें पता चला कि कैसे फर्जी दस्तावेजों के जरिए भारत का पैसा बाहर भेजा जा रहा है. इसके बाद एसटीएफ ने आरोपियों के ठिकाने पर छापेमारी की और उन्हें सुबूतों के साथ गिरफ्तार किया.

 

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