नकली नोट के नाम पर ठगी की।8 आरोपी गिरफ्तार.तीन लाख रुपये लेकर आठ लाख के नकली नोट देने का झांसा दिया.

Rajender Singh for NEWS EXPRESS INDIA

संत नगर निवासी मोहित को तीन लाख रुपये के बदले में नौ लाख रुपये दिए जाने का लालच देकर ठगी करने के मामले में आठ आरोपितों काे पुलिस ने पकड़ा है। इन आरोपितों में एक उत्तराखंड पुलिस का सिपाही है। सीआइए वन की टीम ने इन आरोपितों को पकड़ा है। आरोपित तीन गुणा पैसे करने का लालच देकर लोगों को बातों में उलझाते थे। जब वह असली पैसे लेकर आता था, तो यह नकली पुलिस बनकर पहुंच जाते थे और उसके बाद पैसे छीनकर फरार हो जाते थे। फिलहाल पुलिस आरोपितों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लेगी।

सीआइए वन के इंचार्ज राकेश मटौरिया ने बताया कि इस मामले के आरोपितों को पकड़ने के लिएसब इंस्पेक्टर प्रमोद वालिया, रोशन लाल, गुरमेज, एएसआइ रवि, रामकुमार, कृष्ण, विनोद, रणधीर, हरदयाल व विनोद की टीम का गठन किया गया। टीम ने हरनौल टी प्वाइंट से हमीदा निवासी इंतजार, गंगोरी निवासी अरविंद उर्फ गुल्लू, सनी उर्फ गबरु, जयसिंह का माजरा निवासी करणपाल उर्फ करण, करनाल निवासी कपिल स्वामी, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल निवासी यशपाल व कांसापुर निवासी इंद्रपाल उर्फ राहुल के नाम से हुई।

इन आरोपितों ने ही मोहित के साथ ठगी की। जांच अधिकारी प्रमोद वालिया ने बताया कि यशपाल उत्तराखंड पुलिस का सिपाही है। जिस दिन वारदात हुई। उस दिन यशपाल नहीं आया था। उसने अपनी जगह पर राहुल को भेज दिया था। हालांकि उसने अपना कमीशन तय किया हुआ था। अब रिमांड पर लेने के बाद ही पता लग सकेगा कि आरोपितों ने और कितने लोगों के साथ इस तरह की ठगी की है।

पुलिस को दी शिकायत के मुताबिक, संत नगर निवासी मोहित छोटी लाइन पर करियाना की दुकान करता है। उनकी दुकान पर हमीद  का आना जाना था। अक्सर उससे लेन देन को लेकर भी बात होती थी। 12 फरवरी को उनके पास इंतजार का फोन आाय। उसने कहा कि एक युवक से मिलना। कुछ फायदे की बात है। उस पर विश्वास कर मोहित मिलने के लिए चला गया। यहां पर वहीं युवक मिला। आरोपित ने मोहित से बात की और कहा कि यदि वह उसे तीन लाख रुपये देगा, तो इसके नौ लाख रुपये दिए जाएंगे। यह पैसे भी बिल्कुल असली होंगे।

उसकी बातों में आकर मोहित लालच में आ गया। आरोपित ने उसे पहले दस हजार रुपये भी दिए। कहा कि इन्हें चलाकर देख लेना। यदि यह नोट चल गए, तो फिर तीन लाख रुपये देना। मोहित ने बताया कि आरोपित ने उन्हें जो दस हजार रुपये दिए थे। वह नकली बताकर दिए। जबकि वह असली थे। यह पैसे खर्च कर दिए। जिस पर उसे विश्वास हो गया था। बाद में आरोपितों ने उसे तीन लाख रुपये लेकर मिलने के लिए बुलाया था।

जब वह 22 फरवरी को पैसे लेकर हरनौल चौक पर पहुंचा, तो यहां से आरोपित उसका बैग छीनकर फरार हो गए थे। इसके बाद ही मामला पुलिस तक पहुंचा।

पुलिस की वर्दी पहनकर आए आरोपित

जब मोहित हरनौल चौक पर पहुंचा, तो यहां उसने एक आरोपित से बात की। मोहित ने उसे बैग में पैसे दिखाने के लिए कहा। जब उसने बैग में पैसे देखे, तो उसमें असली नोटों को गड्डी के ऊपर रखा था और नीचे कागज लगा हुआ था। मोहित ने गड्डी चेक की, तो उसने अपना बैग देने से मना कर दिया। इतने में वहां पर पुलिस की वर्दी पहने आरोपित साथी पहुंच गए थे और उसका तीन लाख रुपये भरा बैग छीनकर फरार हो गए थे।

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