राहुल-प्रियंका की प्रतिष्ठा से जुड़ीं उत्तराखंड की ये सात विधानसभा सीट. इन सीटों के समीकरण क्या कहते हैं.

VS CHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

विधानसभा चुनाव के परिणाम कांग्रेस के स्टार प्रचारक पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रतिष्ठा से भी सीधा सीधा जुड़ गए हैं। खासकर, किच्छा, ज्वालापुर, मंगलौर, जागेश्वर, खटीमा, हल्द्वानी और श्रीनगर सीट का नतीजा दोनों के असर का पैमाना भी बनेंगी। ये ही वो सीटें हैं जहां पर राहुल-प्रियंका ने बड़ी जनसभाएं की हैं।

इस चुनावी सत्र में राहुल तीन और प्रियंका गांधी दो बार उत्तराखंड प्रचार के लिए आईं। राहुल 16 दिसंबर 2021 को दून में आयोजित सैनिक सम्मान जनसभा में शरीक हुए। वहीं बाद में राहुल और प्रियंका ने एक-एक बार प्रदेश की सभी 70 विधानसभा सीटों पर वर्चुअल रैलियां भी की।

इसके बाद चुनावी रैलियों पर पाबंदियां कम होने के बाद राहुल ने पांच फरवरी को यूएसनगर की किच्छा सीट में किसानों के साथ संवाद और हरिद्वार की ज्वालापुर सीट से वर्चुअल रैली की और उसी दिन शाम को गंगा आरती में भी शामिल हुए। इसके बाद राहुल ने 10 फरवरी को सुबह हरिद्वार में मंगलौर और उसी दिन शाम अल्मोड़ा की जागेश्वर सीट पर बड़ी रैली की।

दूसरी तरफ प्रियंका की सक्रियता भी इस मर्तबा काफी रही है। दो फरवरी को पार्टी का घोषणापत्र जारी करने के लिए आई प्रियंका ने दून से वर्चुअल रैली भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ताबड़तोड़ रैलियों को देखते हुए कांग्रेस ने 12 फरवरी को प्रियंका की तीन रैलियां कराईं।

जहां भाजपा के तय स्टार प्रचारकों से कहीं ज्यादा संख्या में पार्टी नेता प्रदेश के अलग अलग स्थानों पर सक्रिय रहे। वहीं कांग्रेस का पूरा दारोमदार राहुल और प्रियंका पर ही रहा है। राजनीतिक प्रेक्षक भी राहुल-प्रियंका के प्रचार की सात सीटों पर विशेष तौर पर नजर रखे हुए हैं। इन सीटों का नतीजा सीधा सीधा राहुल और प्रियंका की प्रतिष्ठा भी जुड़ चुका है।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कहते हैं कि भाजपा नेताओं के झूठ और सांप्रदायिक राजनीति से प्रदेश की जनता आजिज आ चुकी है। जिस प्रकार की शब्दावलि का प्रयोग पीएम, गृहमंत्री, असम, मध्यप्रदेश के सीएम आदि करते रहे, उससे प्रदेश के संवेदनशील लोगों की भावनाओं को आहत किया है।

जबकि कांग्रेस के नेताओं ने केवल और केवल विकास पर ही फोकस रखा। साथ ही भाषाई मर्यादा का पूरा पूरा ध्यान रखा। न केवल सात बल्कि प्रदेश की सत्तर की सत्तर सीटों पर राहुल और प्रियंका का असर देखने को मिला है।

 

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