VS chauhan KI REPORT
2022 के चुनाव को देखते हुए सभी राजनीतिक दल वोट के लिए अपनी शतरंज की बिसात बिछाने में लगे हुए हैं. सभी राजनीतिक दलों में सभी नेता इस गुणा भाग में लगे हैं किसको कहां ज्यादा फायदा मिल सकता है. पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की कांग्रेस पार्टी में वापसी के बाद बागियों के लिए रास्ता खुलने की अटकलों के बीच पार्टी के भीतर ही खेमेबाजी शुरू हो गई है। एक गुट जहां पर्दे के पीछे रहकर बागियों की वापसी का रास्ता बुन रहा है, वहीं दूसरे गुट ने तमाम शर्तों के बैरियर लगा दिए हैं।
पार्टी के भीतर ही वर्चस्व की जंग
विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच एक तरह से पार्टी के भीतर ही वर्चस्व की जंग चल रही है। इस जंग में हर कोई अपना पलड़ा भारी रखना चाहता है। ताकि भविष्य के समीकरणों को अभी से साधा जा सके।
कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य की कांग्रेस पार्टी में वापसी के बाद बागियों के लिए रास्ता खुलने की अटकलों के बीच पार्टी के भीतर ही खेमेबाजी शुरू हो गई है। एक गुट जहां पर्दे के पीछे रहकर बागियों की वापसी का रास्ता बुन रहा है, वहीं दूसरे गुट ने तमाम शर्तों के बैरियर लगा दिए हैं।
पार्टी के भीतर ही वर्चस्व की जंग
विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच एक तरह से पार्टी के भीतर ही वर्चस्व की जंग चल रही है। इस जंग में हर कोई अपना पलड़ा भारी रखना चाहता है। ताकि भविष्य के समीकरणों को अभी से साधा जा सके।
एक दिन पहले पूर्व सीएम हरीश रावत बागियों की वापसी पर तमाम तरह के वीटो लगा चुके हैं। उनका साफ कहना है कि उत्तराखंड की मूल मान्यता और यहां की राजनीतिक संस्कृति को बचाने के लिए बागियों को वापसी से पहले सार्वजनिक माफी जरूरी है।
कौन आएगा, कौन नहीं, यह अधिकार पार्टी हाईकमान का
कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत के मुताबिक कांग्रेस में यदि राजनीतिक रूप से रिवर्स पलायन की स्थिति आ रही है तो इसका श्रेय हमारे उन नेतागणों और कार्यकर्ता साथियों को जाता है, जिन्होंने साढ़े चार साल के निरंतर संघर्ष के बाद श्री गणेशाय नम: किया है। अब कांग्रेस इस स्थिति में आई है कि लोग कांग्रेस में शामिल होने की बात कर रहे हैं। कार्यकर्ता साथियों को थोड़ा और जोर लगाना होगा। हम सत्ता से केवल एक कदम दूर हैं।
दूसरी तरफ कांग्रेसी नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। कौन आएगा और कौन नहीं, यह तय करने का अधिकार पार्टी हाईकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को है। शीर्ष नेतृत्व इस परिप्रेक्ष्य में जो भी निर्णय लेगा वह मुझे मंजूर होगा।