राज्य में अगले तीन महीनों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका (NSA)

VS chauhan KI REPORT

उत्तराखंड राज्य में अगले तीन महीनों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी रासुका (NSA) को बढ़ा दिया गया है। पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए। इसके बाद गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी किए हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने के पीछे बीते दिनों में राज्य के कुछ जिलों में हिंसा की घटनाएं भी प्रमुख कारक हैं। किसान कानून के विरोध में राज्य के कुछ क्षेत्रों में विरोध-प्रदर्शन के उत्तेजक होने के अंदेशे, उत्तरप्रदेश में लखीमपुर खीरी की घटना और हरिद्वार जिले में एक धार्मिक स्थल को लेकर पैदा हुए विवाद की उत्तराखंड के अन्य स्थानों पर प्रतिक्रिया का अंदेशा सरकार को है।

सरकार का मानना है कि पिछले दिनों उत्तराखंड में कुछ हिंसक घटनाएं हुईं। ऐसे में स्थितियों पर काबू बनाए रखने के लिए यह कदम जरूरी है। जारी किए गए पत्र में उत्तराखंड शासन की अपर सचिव रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि सितंबर में इसकी समय सीमा खत्म हो रही है। इस वजह से अभी से 3 माह के लिए यानी 31 दिसंबर 2021 तक इसे बढ़ा दिया गया है।

क्या है राष्ट्रीय सुरक्षा कानून?
उत्तराखंड की बीजेपी सरकार ने राज्य में हिंसक घटनाओं पर लगाम कसने के लिए यह कदम उठाया है। रासुका लागू कर इसके तहत सभी जिलाधिकारियों (डीएम) की शक्ति बढ़ा दी गई है। बता दें कि राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को ज्यादा पावर (शक्ति) देने से जुड़ा हुआ एक कानून है। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार को इस बात की पावर रहती है कि वह किसी भी संदिग्ध नागरिक को कस्टडी में ले सके। यह कानून 23 सितंबर 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान बनाया गया था।

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