देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में एबीवीपी और बागी छात्र गुट के बीच नहीं थमा विवाद। बुधवार को दोनों गुट फिर आमने-सामने आ गए।

देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ( एबीवीपी ) और बागी छात्र गुट के बीच रार थमती नजर नहीं आ रही है। बुधवार को दोनों गुट फिर आमने-सामने आ गए। जिससे हंगामा होने लगा। स्थिति को भांपते हुए पुलिस ने दोनों गुटों के छात्रों को कॉलेज परिसर से बाहर किया।

एबीवीपी से बगावत कर पिछली बार छात्र संघ अध्यक्ष बने निखिल शर्मा और उनके समर्थक बुधवार को हालिया विवाद को लेकर कॉलेज सभागार में पत्रकार वार्ता करने के बाद बाहर निकले। तभी कॉलेज परिसर में उनका सामना  एबीवीपी के कार्यकर्ताओं से हो गया।

दोनों पक्षों में फिर कहासुनी होने लगी। बात बढ़ते-बढ़ते मामला हाथापाई तक पहुंच गया। पुलिस ने दोनों गुट के छात्रों को कॉलेज से बाहर जाने को कहा। दोनों पक्ष इस बात पर बहस करने लगे कि पहले दूसरे गुट के छात्र कॉलेज से बाहर निकलें। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए दोनों गुट के छात्रों को कॉलेज परिसर से बाहर कर दिया। मुख्य गेट पर भी दोनों पक्ष एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।

एबीवीपी ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ भी नारे लगाए। अभाविप का आरोप था कि मंत्री गणेश जोशी के दबाव में अराजकता फैलाने वालों पर पुलिस प्रशासन कार्रवाई नहीं कर रहा है। वहीं, बागी गुट ने अभाविप पर झगड़े की शुरुआत करने और कॉलेज का माहौल खराब करने का आरोप लगाया।

हंगामा होने पर पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रहने की हिदायत दी। जिसके बाद छात्रों के दोनों गुट वहां से चले गए। उधर, एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि छात्रों के विवाद पर नजर रखी जा रही है। मामले की जांच कर आरोपियों पर कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि दो दिन पहले भी छात्र गुटों की भिड़ंत से डीएवी पीजी कॉलेज जंग का मैदान बन गया था। एबीवीपी के पारस गोयल का कहना था कि कार्यकर्ता छात्र-छात्राओं से परिषद के सदस्यता फार्म भरा रहे थे। इसी बीच छात्रसंघ अध्यक्ष निखिल शर्मा, राहुल लारा, शुभम सिमल्टी आदि छात्र लाठी-डंडे और हथियारों से लैस होकर पहुंचे और कार्यकर्ताओं पर हमला कर दिया।

वहीं, पिछली बार टिकट न मिलने पर एबीवीपी से बगावत कर छात्रसंघ अध्यक्ष बने निखिल शर्मा का कहना था कि झगड़े की शुरूआत एबीवीपी कार्यकर्ताओं की ओर से हुई थी। शनिवार और रविवार को भी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने उनके साथियों पर हमला किया था।

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