क्या आपको पता है कि भारत में गांधी जी के नाम पर एक मंदिर भी बनाया गया है. मंदिरों में जिस तरह से भगवान की पूजा की जाती है, जिसमें हर रोज उनकी पूजा होती है और आरती उतारी जाती है।

VS CHAUHAN KI REPORT

महात्मा गांधी को देश का बच्चा-बच्चा जानता है. आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को कोई भी भूल नहीं सकता है. भारत में अनेकों सड़कों, स्कूल-कॉलेजों के नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखे गए हैं. पर क्या आपको पता है कि भारत में गांधी जी के नाम पर एक मंदिर भी बनाया गया है.

महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा जाता है और उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में उनके चाहने वाले हैं और उनके विचारों का अनुसरण करते हैं। साथ ही गांधी जी के याद में कुछ ना कुछ खास करते हैं। कुछ ऐसा ही खास है कर्नाटक के मंगलुरु में। यहां गांधी जी का एक खास मंदिर है, जिसमें हर रोज उनकी तीन बार पूजा होती है और आरती उतारी जाती है।


महात्मा गांधी जी का  मंदिर मंगलुरु के श्री ब्रह्म बैदरकला क्षेत्र गरोडी में बना हुआ है। महात्मा गांधी के अनुयायी इस मंदिर में आते हैं और उनके द्वारा बताए रास्ते (सत्य और अहिंसा) पर चलने का प्रण लेते हैं। साल 1948 में यहां गांधी जी की एक मिट्टी की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद साल 2006 में लोगों की मांग पर यहां मंदिर का निर्माण किया गया और साथ ही गांधी जी की संगमरमर की प्रतिमा लगाई गई.
मंदिरों में जिस तरह से भगवान की पूजा की जाती है, ठीक उसी तरह से मंगलुरु के इस मंदिर में गांधी जी की पूजा होती है। यहां दिन में तीन बार सुबह छह बजे, दोपहर 12 बजे और शाम के 7:30 बजे उनकी पूजा होती है। इसके अलावा गांधी जी की प्रतिमा के पास प्रतिदिन एक दीपक जलाया जाता है।
गांधी जयंती के दिन इस मंदिर में एक विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। फल और मिठाइयों के साथ गांधी जी की प्रतिमा पर ब्लैक कॉफी चढ़ाई जाती है। बाद में, उसी कॉफी को भक्तों में ‘प्रसाद’ के रूप में बांट दिया जाता है।
आपको बता दें कि महात्मा गांधी के जन्म स्थान पोरबंदर में भी एक मंदिर है। दरअसल, जिस घर में महात्मा गांधी जी का जन्म हुआ उसे मंदिर जैसे संग्राहलय में तब्दील किया जा चुका है। इस मंदिर का नाम कीर्ति मंदिर है।
महात्मा गांधी का एक मंदिर उड़ीसा के संबलपुर जिले के भटारा गांव में भी स्थित है। इस मंदिर में गांधी जी की तांबे से बनी 6 फीट ऊंची मूर्ति है। बता दें कि इस मंदिर के निर्माण की पहल गांधीवादी नेता अभिमन्यु ने की थी। इस मंदिर को गांव वालों के आपसी सहयोग से बनाया गया था।महात्मा गांधी के अनुयायी इस मंदिर में आते हैं और उनके द्वारा बताए गए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलने का संकल्प लेते हैं.

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