उत्तराखंड में मदमहेश्वर मंदिर के पास कम से कम 50 तीर्थयात्रियों के फंसे होने की खबर जबकि भूस्खलन के कारण मदमहेश्वर मंदिर जाने वाली यात्रा को बंद कर दिया गया था.

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उत्तराखंड में मदमहेश्वर मंदिर के पास कम से कम 50 तीर्थयात्रियों के फंसे होने की बात कही जा रही है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारी बारिश और भूस्खलन के कारण ये तीर्थयात्री और स्थानीय लोग फंसे हुए हैं. बारिश और भूस्खलन के कारण मदमहेश्वर मंदिर जाने वाली यात्रा को बंद कर दिया गया था. इलाके में गुरुवार को भारी बारिश हुई थी जिससे भूस्खलन हुआ. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बारिश के कारण मारकंडा नदी पर बना एक अस्थायी लकड़ी का पुल बह गया जिससे मंदिर की यात्रा बाधित हो गई. मदमहेश्वर मंदिर उत्तराखंड में पंच केदार मंदिर समूहों का हिस्सा है और बेहद प्रसिद्ध मंदिर है. यह मंदिर 11,473 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.

मौसम विभाग (IMD) ने भी देहरादून और बागेश्वर के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. मौसम विभाग की भारी बारिश की चेतावनी के बाद शुक्रवार को शहर के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों को बंद करने का फैसला लिया गया है. यह आदेश देहरादून के डीएम ने जारी किया है. देहरादून में पहली से लेकर बारहवीं कक्षा तक के सरकारी और निजी स्कूल व आंगनवाड़ी केंद्र बंद रहेंगे. बता दें कि पिछले साल भी रुद्रप्रयाग जिले में मदमहेश्वर मंदिर के लिए ट्रेकिंग मार्ग पर एक पुल ढह गया था. जिसके बाद 300 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया था.

मध्यमहेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर पंच केदार में से एक है. मंदिर 3497 मीटर की ऊंचाई पर है और इस मंदिर की काफी मान्यता है. पंच केदार तीर्थ यात्रा सर्किट में दर्शन करने वाला यह मंदिर चौथा है. इसके अलावा पंच केदार में दारनाथ, तुंगनाथ और कपिलेश्वर इत्यादि हैं. यह मंदिर मनसुना गांव में है. पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर को पांडवों ने बनवाया था. मंदिर के एक तरफ हिमालय है और दूसरी तरफ हरे-भरे घास के मैदान.

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