उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बादऋषिकेश में गंगा का विकराल रूप देखकर लोग दहशत में आ गए। हरिद्वार से छोड़े 3.88 लाख क्यूसेक पानी ने मेरठ खादर क्षेत्र में तबाही मचाई।

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उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के बाद हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा का विकराल रूप देखकर लोग दहशत में आ गए। ऋषिकेश में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिसके चलते तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को स्थानीय प्रशासन की ओर से अलर्ट जारी किया गया ।

सोमवार को लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती, तपोवन और त्रिवेणी घाट पर गंगा घाटों से ऊपर बहती रही।  त्रिवेणी घाट पर बना आरती स्थल भी जलमग्न हो गया है। हालात ये हो गए कि गंगा का पानी मुख्य गेट तक आ गया। वहीं, परमार्थ निकेतन का घाट भी पूरी तरह से जलमग्न हो गया था।

हरिद्वार में दोपहर दो बजे गंगा का जलस्तर 295.70 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से 1.70 मीटर ऊपर है। गंगा में पानी भी 373130 क्यूसेक छोड़ा गया.इसके चलते बैरागी कैंप, सती, बजरी बस्ती समेत कई इलाकों में पुलिस ने नाकेबंदी कर दी है। बाहर से जल भराव वाले क्षेत्र में किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है। जल पुलिस की कई टीमें जल भराव वाले क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास कर रही है।

हरिद्वार से सोमवार को छोड़े 3.88 लाख क्यूसेक पानी ने खादर क्षेत्र में तबाही मचाई। बाढ़ की विभीषिका झेल रहे खादर के गांवों में पानी घुस गया। फसलें जलमग्न हो गई। घरों में पानी घुस गया है।

वर्ष 2010 की बाढ़ के बाद वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी के दौरान गंगा का जलस्तर पांच लाख 17 हजार क्यूसेक पहुंचा था, जिससे किनारे से 10 किलोमीटर तक पानी ही पानी दिखता था। अब करीब 10 साल बाद सोमवार को 3.88 लाख क्यूसेक पानी हो गया। इससे तटबंध बह गए। बाढ़ प्रभावित गांवों का संपर्क टूट गया। हालांकि बुधवार दोपहर जलस्तर में कुछ कमी आई।

हरिद्वार से अभी 1.25 लाख क्यूसेक, जबकि बिजनौर बैराज से 1.85 लाख क्यूसेक पानी का गंगा में डिस्चार्ज है। लोग छतों पर रात काट रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी पशुओं और पशुपालकों के लिए है, जहां चारे व भूसे की समस्या बन गई।

प्रशासन अलर्ट, एसडीआरएफ-पीएसी तैनात

एडीएम वित्त एवं राजस्व सूर्यकांत त्रिपाठी और एसडीएम मवाना अखिलेश यादव का कहना है कि गंगा किनारे बसे गांवों में अनाउंसमेंट कर लोगों को आगाह किया है। एसडीआरएफ व पीएसी फ्लड बल बाढ़ग्रस्त खादर में तैनात है।

इन गांवों में हालात खराब

गांव भागोपुर, दबखेड़ी, चामरोद, मानपुर, हरिपुर, फतेहपुर प्रेम, रठोरा कला, हंसापुर, परसापुर, सिरजेपुर, हादीपुर, गांवडी, किशनपुर दूधली आदि गांवों में हालात बदतर हैं। अनाज भीगने से खाने का संकट है। किशोरपुर से जलालपुर जोरा मार्ग क्षतिग्रस्त है।

रेस्क्यू कर 50 लोग बाहर निकाले हस्तिनापुर

एसडीआरएफ जवानों ने मोटरबोट से खेडी कला गांव से लोगों को रेस्क्यू किया। एसडीएम मवाना अखिलेश यादव ने बताया कि इच्छुक लोगों को बाढ प्रभावित क्षेत्र से मोटरबोट से बाहर निकाला जा रहा है।

 

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