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यूपीआई आने के बाद देश के डिजिटल ट्रांजैक्शन के क्षेत्र में एक अभूतपूर्व क्रांति आई है। यूपीआई ने एक ऐसे लोकतांत्रिक परिवेश का निर्माण किया है, जहां बड़ी-बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ छोटे दुकानदार भी इसकी सेवाओं का लाभ ले रहे हैं। एक समय था जब देश की बड़ी आबादी, जो एटीएम से कैश निकालने के बाद संतुष्टि के लिए कई बार कैंसिल बटन पर प्रेस करती थी। उनको डिजिटल इकोसिस्टम में लाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। यूपीआई ने इस काम को बखूबी निभाया है। आज के समय भारत में रिकॉर्ड डिजिटल ट्रांजैक्शन हो रहे हैं। नंदन नीलेकणि के मुताबिक देश की 40 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आज के समय यूपीआई का इस्तेमाल कर रही है।
एनपीसीआई द्वारा संचालित यूपीआई में समय सयम पर कई बदलाव होते रहते हैं। इसी कड़ी में एनपीसीआई ने नया फैसला लिया है। इसके अंतर्गत 1 अप्रैल से 2 हजार रुपये से ज्यादा प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (वॉलेट और कार्ड) से किए गए मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर 1.1 प्रतिशत का इंटरचेंज चार्ज लगेगा।
खबर के सामने आते ही लोगों के बीच ये बात फैलने लगी कि 2 हजार रुपये से ज्यादा की पेंमेंट पर चार्ज लगेगा। ऐसे में इस भ्रम पर पट्टी डालते हुए एनपीसीआई ने सर्कुलर जारी करते हुए बताया कि यह चार्ज मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर है। इस पर आम लोगों से किसी भी प्रकार का चार्ज नहीं वसूला जाएगा। यूपीआई की गवर्निंग बॉडी एनपीसीआई ने बताया है कि इंचरचेंज चार्ज पीपीआई मर्चेंट ट्रांजैक्शन पर लागू होगा।
पीपीआई से तात्पर्य प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट से है। यह एक डिजिटल पेमेंट मेथड का प्रकार है। इसमें यूजर्स वर्चुअल वॉलेट, गिफ्ट कार्ड, प्रीपेड क्रेडिट कार्ड आदि से खरीदारी करते हैं। पेटीएम वॉलेट, फोन पे वॉलेट, अमेजन पे वॉलेट ये सभी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट यानी पीपीआई के अंतर्गत आते हैं। पीपीआई मर्चेंट बेस्ड ट्रांजैक्शन होते हैं। इन्हें नॉन बैंकिंग संस्थाओं द्वारा जारी किया जाता है।
इन डिजिटल वॉलेट में व्यक्ति पहले से ही कार्ड या किसी दूसरे पेमेंट मेथड के जरिए पैसे एड कर लेता है। खरीदारी या किसी जगह पेमेंट करने पर डिजिटल वॉलेट से भुगतान करने पर ज्यादा सहूलियत मिलती है। यहां हमें किसी प्रकार के कोड को दर्ज करने की जरूरत नहीं होती है। इस कारण पेमेंट काफी आसानी से हो जाती है। एनपीसीआई के फैसले के बाद वॉलेट कंपनियों को 1.1 प्रतिशत का इंटरचेंज फीस का भुगतान करना है, जब भी वॉलेट से 2 हजार रुपये से ऊपर की ट्रांजैक्शन होगी। यहां कस्टमर को एक रुपये का भी भुगतान नहीं करना होगा।
एनपीसीआई का यह फैसला आपको प्रभावित नहीं करेगा। यह इंटरचेंज फीस वॉलेट पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर से जुड़ी है। कार्ड से पेमेंट करने पर जिस तरह मर्चेंट के बीच चार्ज कटता है। ठीक उसी तरह यूपीआई के जरिए मर्चेंट ट्रांजैक्शन करने पर इंटरचेंज चार्ज कटेगा।