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उत्तराखंड बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष को बदले जाने की चर्चाएं तेज हैं. हालांकि अध्यक्ष कब बदला जाएगा, इसको लेकर आधिकारिक तौर पर पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं आया है. वैसे विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद से ही बीजेपी अध्यक्ष को बदले जाने को लेकर पार्टी के अंदर और बाहर कयासबाजी जारी है. पहले बताया जा रहा था कि 4 अप्रैल को पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष उत्तराखंड दौरे पर आने वाले थे. इसी दौरान पार्टी की मीटिंग भी होनी थी. माना जा रहा था कि बीएल संतोष पार्टी नेताओं के मन की थाह लेकर दिल्ली को बताने वाले थे, लेकिन इस बीच रार्ष्टीय स्वयं सेवक संघ का चिंतन शिविर आयोजित होने और बीएल संतोष के इसमें मौजूद रहने के कारण ये मीटिंग टल गई.
अब बीएल संतोष 24 अप्रैल को उत्तराखंड आ सकते हैं. माना जा रहा है कि उनके दौरे के बाद पार्टी कोई फैसला ले सकती है, क्योंकि बीजेपी में प्रदेश पदाधिकारियों के कुछ और पद भी खाली चल रहे हैं. इसके अलावा महिला मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी नियुक्ति होनी है. महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रही कोटद्वार से विधायक ऋतु खंडूरी अब विधानसभा अध्यक्ष बनाई जा चुकी हैं.
हरिद्वार से विधायक मदन कौशिक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उन पर विधानसभा चुनाव में लक्सर से बीजेपी कैंडिडेट रहे संजय गुप्ता समेत कई प्रत्याशियों ने भीतर घात का आरोप तो लगाया ही था, साथ ही हरिद्वार में पार्टी को उचित रिजल्ट न दे पाने के कारण भी निशाने पर हैं. हरिद्वार जिले में विधानसभा की सबसे अधिक 11 सीटें हैं, लेकिन बीजेपी यहां मात्र तीन सीटें ही जीत पायी. बताया जा रहा है कि इसके चलते बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व उनसे खासा नाराज है. इसके चलते उनको कैबिनेट में भी नहीं लिया गया. बताया जा रहा है कि मदन कौशिक ने डिप्टी सीएम का पद क्रिएट करने का सुझाव भी हाईकमान के सामने रखा था, लेकिन इस प्रस्ताव को भी अस्वीकार कर दिया गया.
बीजेपी से जुडे़ कुछ सूत्र ये भी बताते हैं कि दो कारणों के चलते फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव को टाल दिया गया है .पहला ये कि पार्टी को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के उपचुनाव में जाना है. इसलिए पार्टी अभी अपना पूरा फोकस उपचुनाव पर रखना चाहती है. दूसरा ये कि नवंबर-दिसंबर में पार्टी संगठन के चुनाव होने हैं. तब भी प्रदेश अध्यक्ष को स्वाभाविक रूप से बदला जाना ही है. एक मत ये भी है कि तब तक प्रदेश अध्यक्ष को बना रहने दिया जाए. सवाल ये है कि बीजेपी संगठन में यदि परिवर्तन होता है,तो नया अध्यक्ष कौन होगा. बीजेपी में अभी तक गढ़वाल कुमाऊं और जातिगत समीकरण देखे जाते रहे हैं. मुख्यमंत्री कुमाऊं से हैं और ठाकुर हैं, तो कयास ये हैं कि अध्यक्ष गढ़वाल से होंगे और ब्राह्मण होंगे. पिछले कुछ समय से जिस तरह से बीजेपी नए-नए प्रयोग करती रही है.
जानकार कहते हैं कि बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद पर भी ऐसा कुछ चौंकाने वाला नाम आगे कर सकती है. जरूरी नहीं है कि बीजेपी सीएम के ठाकुर होने के चलते प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए ब्राह्मण नेता को ही आगे करें. उसकी प्राथमिकता बीजेपी की पृष्ठभूमि, संगठन के जानकार व्यक्ति हो सकता है. ऐसे में बीजेपी गढ़वाल से किसी ठाकुर नेता पर भी दांव खेल सकती है. हालांकि सीएम धामी की राय भी इसमें एक हद तक काम करेगी.