धरती से टकराएगा सौर तूफान, छा सकता है दुनियाभर में अंधेरा:इस घटना को कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। पढ़े पूरी जानकारी.

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अतंरिक्ष में आए दिन कोई न कोई घटना घटती रहती हैं। इनमें कई ऐसी घटनाएं होती हैं जिनका असर धरती पर होता है। अब इस बीच एक ऐसी ही घटना घटने वाली जिसका असर धरती पर पड़ सकता है। इसको लेकर दुनियाभर की एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। एजेंसियों के मुताबिक, आज यानी 14 अप्रैल को सूर्य से निकला भू-चुंबकीय तूफान धरती से टकराएगा। सूर्य पर गतिविधियां बढ़ गई हैं। इसलिए वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि भू-चुंबकीय तूफान खतरनाक साबित हो सकता है।

बताया गया है कि खतरनाक भू-चुंबकीय सौर तूफान 20,69,834 प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की तरफ बढ़ रहा है। इस तूफान को लेकर बीते कई हफ्तों से विशेषज्ञ विचार विमर्श कर रहे हैं। भू-चुंबकीय तूफान के धरती से टकराने के बाद भयानक परिणाम दिख सकता है। दुनियाभर की एजेंसियों का कहना है कि ऐसे में दुनिया के ज्यादातर देशों में ब्लैकआउट की स्थिति पैदा हो सकती है।

महीनों बाद जीवित हुआ डेड सन स्पाट
वैज्ञानिकों ने बताया है कि सूर्य पर महीनों से पड़ा डेड सनस्पॉट एक बार फिर जीवित हो उठा है। इस सनस्पॉट को AR2987 नाम दिया गया है। अब इस प्लाज्मा बॉल के सक्रिय हो जाने की वजह से धरती की तरफ अधिक मात्रा में रेडिएशन आ रहा है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि सूर्य के डेड स्पॉट के जीवित यानी सक्रिय हो जाने की वजह से सौर मंडल के तारे पर उथल पुथल मची हुई है।

खगोल वैज्ञानिक द्वारा इस घटना को कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। इसकी वजह से ही प्लाज्मा बॉल आज धरती से टकरा सकती है। धरती की तरफ बढ़ रहे इस सौर तूफान की वजह से धरती पर ब्लैकआउट हो सकता है।

सैटेलाइट या पॉवर ग्रिड फेल होने का खतरा 

वैज्ञानिकों ने बताया है कि सूर्य के रेडिएशन तूफान की वजह से नॉर्थ पोल के वायुमंडल के ऊपरी हिस्से में ज्यादा नॉर्दन लाइट का निर्माण होगा जिसका पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव इलाके में स्थित सैटेलाइट और पावर ग्रिड पर प्रभाव पड़ सकता है। इसकी वजह से इन इलाकों में अंधेरा छा जाने का खतरा है।

सूर्य के सीएमई के एमिशन पर नजर रख रहे नासा (NASA) और नोवा (NOAA) ने संभवना जताई है कि 14 अप्रैल यानी आज सौर तूफान धरती से टकरा सकता है। नासा ने आगे कहा है कि धरती से टकराने के बाद यह और तेज हो सकता है।

एजेंसियों का कहना है कि भू-चुंबकीय तूफान में इतनी क्षमता होती है कि वह पावर ग्रिड और धरती पर अन्य संसाधनों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसकी वजह से दुनिया के कुछ इलाकों में ब्लैकआउट होने की संभावना है।

अमेरिकी एजेंसी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने धरती पर ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में बिजली जाने और रेडियो सिग्नल में गड़बड़ी की संभावना जताई है। उनका कहना है कि मध्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक नुकसान की संभावना नहीं है।

जानिए किसे कहते हैं जियोमैग्नेटिक तूफान

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, सूर्य की सतह पर बड़े पैमाने पर विस्फोट होते हैं। इस दौरान कुछ इलाकों में बेहद चमकीले प्रकाश के साथ भारी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिसे फ्लेयर कहते हैं। अंतरिक्ष में कई मिलियन मील प्रति घंटे की रफ्तार से एक अरब टन के बराबर चुंबकीय ऊर्जा निकलती है जिससे सूर्य की बाहरी सतह का कुछ इलाका खुल जाता है और इसी छिद्र से ऊर्जा निकलने लगती है और यह आग के गोले की तरह नजर आती है।

अगर यही ऊर्जा लगातार कई दिनों तक निकलती रहती है, तो इससे बहुत छोटे न्यूक्लियर कण भी निकलने लगते हैं जो ब्रह्मांड में फैल जाते हैं, जिसे जियोमैग्नेटिक तूफान कहा जाता है।

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