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चुनाव आयोग ने 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में फिजिकल रैलियों पर 31 जनवरी तक रोक लगा रखी है. माना जा रहा है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का पीक टाइम निकलने के बाद फरवरी के पहले सप्ताह में कुछ शर्तों के साथ रैलियों की इजाजत दी जा सकती है. ऐसे में उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भाजपा ने डिजिटल प्रचार तेज करने के साथ ही ताबड़तोड़ रैलियां करने की रणनीति बना ली है. सूत्रों की माने तोप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में तीन रैलियां कर सकते हैं. भाजपा रणनीति के तहत उनकी एक रैली अल्मोड़ा, दूसरी श्रीनगर और तीसरी हरिद्वार में कराने की तैयारी में है. चुनाव से पहले पीएम मोदी देहरादून और हल्द्वानी में दो बड़े कार्यक्रमों के जरिये जनसभाओं को संबोधित कर चुके हैं.
पहले योजना पीएम मोदी की उत्तराखंड में छह रैलियां कराने की थी. इससे भाजपा को कांग्रेस पर बढ़त मिलती, क्योंकि पीएम मोदी को लेकर उत्तराखंड में किसी तरह की नाराजगी नहीं है. यहां चल रही केंद्र की योजनाओं को भी लोग खुलकर स्वीकार करते हैं, लेकिन ओमिक्रॉन संक्रमण के मद्देनजर चुनाव आयोग ने रैलियों पर कुछ समय के लिए रोक लगा दी. इसके बाद रणनीति बनी कि पीएम की चार रैलियां अल्मोड़ा, श्रीनगर, हरिद्वार और रुद्रपुर में कराई जाएंगी, लेकिन अब पीएम की तीन रैलियां ही होंगी.
योगी आदित्यनाथ को चुनावी रण में उतारना चाहती है भाजपा
भाजपा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी चुनावी रण में उतारना चाहती है. वे उत्तराखंड के पौड़ी जिले से आते हैं और यहां काफी पॉपुलर हैं. यूपी चुनाव के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए उन्हें स्टार प्रचारक के तौर पर एक दिन के लिए मैदान में उतारा जा सकता है. सूत्र बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ पिथौरागढ़ में रैली करेंगे. इसके बाद उनकी पौड़ी जिले में सभाएं होंगी. इस बार असम के मुख्यमंत्री हेमंता विश्वसरमा को चुनावी समर में उतारा जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि मैदानी इलाकों में उनकी रैलियां होंगी और वह चार-पांच दिन यहां रहेंगे.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (रिटा.) भी उत्तराखंड में रैलियां करेंगे. स्मृति ईरानी, नितिन गडकरी समेत कई केंद्रीय मंत्री भी प्रचार के लिए मैदान में उतरेंगे. भाजपा ‘किया है, करते हैं और करते रहेंगे’ के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरी है. युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में लड़ा जा रहा चुनाव पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रित रहेगा.