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आपने अपने आसपास चींटियां जरूर देखी होंगी. ये भी जानते होंगे कि चींटियां कितनी मेहनती होती हैं और मिलकर अपना काम करती हैं. कभी गलती से आपने किसी चींटी को कुचल भी दिया होगा. पर क्या आपने कभी ये गौर किया है कि चींटी के शरीर से लाल रंग का खून (Do Ants Have Red Blood?) नहीं निकलता है. तो क्या इसका अर्थ ये हुआ कि चींटी के शरीर में खून (Do Ants Have Blood?) ही नहीं होता?
प्रकृति द्वारा बनाए गए अलग-अलग जीवों में कई तरह की खासियत होती हैं. ऊपरवाले ने उन्हें एक दूसरे से भिन्न बनाया है. चींटी भी इसीलिए काफी अलग होती है. चींटी के शरीर में खून (Blood in Ants) नहीं होता मगर उसकी तरह एक तरल पदार्थ होता है जो इंसानी खून से काफी अलग होता है. उसका रंग लाल की जगह पीला या हरा होता है.
चींटी का खून नहीं होता लाल!
जिन जानवरों में रीढ़ की हड्डी होती है उनमें खून का काम होता है न्यूट्रीएंट्स, ऑक्सीजन, आदि को शरीर में एक जगह से दूसरी जगह ले जाना. इंसानी खून इसलिए लाल होता है क्योंकि उसमें रेड ब्लड सेल (Red Blood Cells) होते हैं. इन्हीं रेड सेल के अंदर हेमोग्लोबिन (Hemoglobin) नाम का प्रोटीन होता है जो खून को लाल रंग देता है. चींटियों के अंदर हीमोलिंफ (Hemolymph in Ants) होता है जिनमें हीमोसाइट पाया जाता है. हीमोलिंफ भी एक प्रकार का तरल पदार्थ है जो चींटियों के खून में बहता है मगर उनमें रेड ब्लड सेल नहीं होता है. इस वजह से ये लाल ना होकर पीले या हरे रंग के होते हैं. इनमें अमीनो एसिड की मात्रा काफी ज्यादा होती है.
हीमोलिंफ निभाता है चींटी के शरीर में अहम किरदार
चींटी के शरीर की संचार प्रणाली इंसान जैसी ही होती है, उसमें भी खून होता है मगर वो इंसानों के शरीर से अलग ऐसे होती है कि इंसानों में खून सिर्फ नसों और धमनियों में बहता है मगर चींटी के शरीर में खून फ्री होता है यानी वो किसी तरह की धमनियों में नहीं, पूरे शरीर में आजादी से घूमता है. इस वजह से ही चींटियां बेहद मुश्किल मौसम में भी आसानी से रह सकती हैं. हीमोलिंफ उनके घाव को भरने में भी मदद करते हैं. जैसे रेड ब्लड सेल में हीमोग्लोबिन होता है वैसे ही हीमोलिंफ के अंदर हीमोसाइनिन मौजूद होता है.