उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है और चटख धूप परीक्षा लेने लगी है। उमस और गर्मी से लोग बेहाल हैं। खासकर मंगलवार को दून में तीन साल में जून का सर्वाधिक तापमान रिकार्ड किया गया।

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उत्तराखंड में मौसम शुष्क बना हुआ है और चटख धूप परीक्षा लेने लगी है। उमस और गर्मी से लोग बेहाल हैं। खासकर मैदानी इलाकों में पारा लगातार चढ़ रहा है। मंगलवार को दून में तीन साल में जून का सर्वाधिक तापमान रिकार्ड किया गया।

शुष्क मौसम और चटख धूप के बीच तपिश बढ़ गई है। उमस के कारण पसीने छूट रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से पारे में लगातार इजाफा दर्ज किया जा रहा है। हरिद्वार में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। देहरादून में अधिकतम तापमान 36.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि बीते तीन साल में जून में सर्वाधिक है। इससे पहले 2020 में जून में सर्वाधिक तापमान 35.6 डिग्री सेल्सियस और 2019 में जून का सर्वाधिक 36.7 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। वहीं, 2018 में यह 38.7 डिग्री सेल्सियस था। इसके अलावा अन्य इलाकों में भी तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है। पहाड़ों में जरूर कहीं-कहीं हल्के बादल छाये रहे, लेकिन बारिश के आसार नजर नहीं आए।

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले दो दिन प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा। कुमाऊं के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। इसके अलावा शुक्रवार से राज्य में मौसम का मिजाज बदल सकता है। जिसके चलते पर्वतीय इलाकों में मध्यम बारिश की संभावना है।

मलबा आने से घंटों बाधित रहा हाईवे

टनकपुर-तवाघाट हाईवे पर पिथौरागढ़ से धारचूला के मध्य गुड़ोली के पास मलबा आने से साढ़े तीन घंटे यातायात बाधित रहा। पिथौरागढ़ से लगभग 30 किमी की दूरी पर गुड़ोली के पास सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। चौड़ीकरण कार्य के लिए चट्टानें तोड़ी गई हैं। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग सुनगर के पास भूस्खलन के कारण बाधित है। हालांकि इसे 45 घंटे बाद देर शाम तक छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।8

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