VSCHAUHAN KI REPORT
50 लाख डाउनलोड, 21 मई तक चली एप
एसटीएफ के अनुसार शुरूआती जांच में पता चला कि यह पॉवर बैंक नाम की एप्लीकेशन फरवरी 2021 में शुरू की गई थी। यह एप 12 मई 2021 तक संचालन में रही। इसके बाद एकाएक क्रैश हो गई। इसके अब तक कुल 50 लाख लोगों ने डाउनलोड किया था। साइबर थाने ने वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया तो पता चला कि इसके माध्यम से 250 करोड़ रुपये से ज्यादा ठगे गए हैं। एसटीएफ के अनुसार यह धनराशि 500 करोड़ या इससे भी ज्यादा होने की आशंका है।
भारतीयों को मिलता है कमीशन
एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि इस पूरी फर्जी योजना के तार विदेशों के व्यापारियों से से जुड़े हैं। पता चला कि वहां के कुछ व्यापारी भारतीय निवेशकों से दोस्ती कर अपने साथ कमीशन के नाम पर जोड़ते हैं। पॉवर बैंक नाम की यह एप्लीकेशन पहले ऑनलाइन लोन प्रदान करती थी। अब अपराध के तरीके में बदलाव कर ये लोग विश्वास जीतकर पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश कराते हैं। भारत के नागरिको के ही बैंक खाते और उनके मोबाईल नम्बर का प्रयोग किया जाता है।
शुरूआत में कुछ लोगों के पैसे हुए वापस
शुरूआत में इस एप्लीकेशन के माध्यम से लोगों को उनकी धनराशि बढ़ाकर वापस भी की गई। इसके बाद सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार इसे और बढ़ाया गया। इसके बाद अंतर्राष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश में फैल गया। हर दिन करोड़ों रुपये की धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और आगे विभिन्न खातों में ट्रांसफर की जाने लगी। ऐसा करने से पुलिस भी भ्रमित हो गई।
25 और इसी तरह की एप्लीकेशन आईं सामने
ठगी में प्रयोग किए गए खाते विभिन्न फर्जी कंपनियों के नाम से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज में रजिस्टर्ड हैं। एसटीएफ के मुताबिक इसी तरह की 25 मोबाइल एप्लीकेशन की सूची हाथ आई है। यह सब एप्लीकेशन संदिग्ध कार्यों में लगी हुई हैं। इन सबके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।