देहरादून में दवाओं की कालाबाजारी कर रहे दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है।

संवाददाता

 उत्तराखंड की राजधानी  देहरादून के। क्लेमेनटाउन थाना पुलिस ने इंजेक्शन और दवाओं की कालाबाजारी कर रहे दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। आरोपित वेलमेड अस्पताल में वार्ड ब्वॉय के रूप में कार्यरत थे। उधर, अस्पताल प्रशासन ने दोनों आरोपितों को कार्य से हटा दिया है।

थानाध्यक्ष क्लेमेनटाउन धर्मेंद्र रौतेला ने बताया कि कुछ दिन पहले वेलमेड अस्पताल प्रशासन ने शिकायत की थी कि कुछ लोग अस्पताल के आसपास अधिक दाम पर इंजेक्शन और दवा बेच रहे हैं। इस शिकायत पर पुलिसकर्मी सादी वर्दी में अस्पताल पहुंचे और तीन दिन तक चुपचाप जानकारी जुटाते रहे। वेलमेड अस्पताल के दो वार्ड ब्वॉय ही इस कालाबाजारी में लिप्त पाए गए। जांच में पता चला कि जो मरीज वेलमेड अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर जाते थे, उनकी बची हुई दवाओं को आरोपित अपने पास रख लेते थे। इसके बाद दूसरे मरीजों को ये दवा अधिक मूल्य पर बेच देते थे।

शुक्रवार को पुलिस ने आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने भी कार्रवाई करते हुए दोनों को नौकरी से निकाल दिया है। आरोपितों की पहचान अमन बिष्ट निवासी शिव नगर डिफेंस कॉलोनी और सौरभ शर्मा निवासी हरीपुर नवादा के रूप में हुई है।

कोरोना टेस्ट के नाम पर कालाबाजारी करने वाला आरोपित गिरफ्तार

कोरोना टेस्ट के नाम पर कालाबाजारी करने वाले एक व्यक्ति को एसओजी टीम ने स्टिंग ऑपरेशन कर गिरफ्तार किया है। एसपी सिटी सरिता डोबाल ने बताया कि एसओजी के प्रभारी को सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति कोरोना टेस्ट के नाम पर कालाबाजारी कर रहा है। आरोपित कोरोना टेस्ट के लिए 1200 रुपये वसूल रहा था, जबकि शासन ने लैब में टेस्ट करवाने पर 700 रुपये और घर बुलाने पर 900 रुपये दाम तय किए हैं। एसओजी की टीम ने स्टिंग ऑपरेशन करते हुए खुद मरीज बनकर आरोपित को टेस्ट करवाने के लिए बुलाया था। पुलिस ने आरोपित को कोविड टेस्ट किट के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपित की पहचान राज शर्मा निवासी रिस्पना नेहरू कॉलोनी के रूप में हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *