vs Chauhan ki report
कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने पूरे देश में कहर बरपा दिया. उत्तराखंड राज्य को संक्रमण दर के मामले में काफी सुरक्षित माना जाता था. लेकिन इस बार उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण ने कहर बरपाया. उत्तराखंड कोरोना कर्फ्यू केेेे बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है
उत्तराखंड राज्य का पौड़ी और नैनीताल में संक्रमण दर की दृष्टि से हर तीसरा व्यक्ति कोरोना संक्रमित है। संक्रमण के इस खतरनाक स्तर को कम करने के लिए राज्य में प्रत्येक व्यक्ति को आइवरमेक्टिन की गोली तीन दिन तक दिन में दो बार खिलाने का निर्णय लिया गया है। कोरोना से बचाव और इलाज के लिए आइवरमेक्टिन को देश के अन्य राज्यों में तीन दिनों तक एक बार खिलाया जा रहा है। आईसीएमआर की गाइडलाइन भी यही है। लेकिन राज्य की एक्सपर्ट कमेटी ने यह दवा तीन दिन तक दो बार खिलाने की सिफारिश की है। इस सिफारिश पर कई डॉक्टरों ने हैरानी जताई है। इस पर एक्सपर्ट कमेटी ने चेयरमैन का कहना है कि संक्रमण की दर घटाने के लिए डोज बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। आइवरमेक्टिन की दवा से कई लोगों में डायरिया की शिकायतें मिल रही है। एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन के मुताबिक यह सामान्य बात है।
संक्रमण कम होने में महीना लगेगा: प्रो. हेमचंद्रा ने कहा कि राज्य के हर नागरिक को आइवरमेक्टिन का कोर्स कराने के बाद संक्रमण में कमी आएगी। लेकिन संक्रमण को न्यूनतम स्तर पर लाने में कम से एक से डेढ़ महीना लगेगा।
पौड़ी में संक्रमण दर 42 फीसदी के पार
एक्सपर्ट कमेटी के चेयरमैन प्रो. हेमचंद्रा ने बताया कि संक्रमण की दर नैनीताल जिले में 40 और पौड़ी जिले में 42 फीसदी पहुंच गई है। इससे साफ है कि राज्य की बड़ी आबादी संक्रमण की चपेट में है। आइवरमेक्टिन इलाज और बचाव दोनों में कारगर है। इसलिए यह सिफारिश की गई है। इससे राज्यभर में कोविड डेथ में भी कमी आएगी।