वीएस चौहान की रिपोर्ट
उत्तराखंड में धार्मिक स्थलों में मुख्य चार धाम है गंगोत्री यमुनोत्री केदारनाथ बद्रीनाथ लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को सैन्य धाम का शिलान्यास किया। राजधानी देहरादून स्थित सैन्य धाम पांच एकड़ भूमि पर बनाया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में सैन्य धाम बनाने की घोषणा की थी। सीएम ने 15 लाख रुपये की घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश में अब चार नहीं पांच धाम है। उन्होंने कहा कि धाम के निर्माण के लिए शहीदों के गांव की मिट्टी को भी इकट्ठा किया जाएगा। कहा कि धाम में शहीदों के स्मृति चिन्हों का संग्राहलय भी बनाय जाएगा। कहा कि प्रयास रहेगा कि धाम की एक जीविंत छवि बन सके जो युवाओं को प्रेरित कर करेगी ताकि वह और अधिक संख्या में सेना में जाने के इच्छुक हो सकें।
युवा पीढ़ी को जागरूक करने और प्रेरणा देने के लिए सेना में जाने के लिए अभ्यर्थियों के लिए कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी। सीएम रावत ने कहा कि यह बहुत ही गर्व की बात है कि देश के रणबांकुरे दुश्मन सेनाओं के जवानों के दांव खट्टे करते आए हैं। चाहे 1947 का युद्ध हो या फिर 1999 का कारगिल युद्ध हो, भारतीय सैनिकों और उत्तराखंड के रणबांकुरों की भूमिका हमेशा से ही सराहनीय रही है। त्रिवेंद्र ने कहा कि धाम में साहसिक खेलों का भी विकल्प होगा ताकि युवा पीढ़ियों में जोश भरा जा सके और सेना को ज्वाइन करने के लिए वह अधिक से अधिक संख्या में आगे आएं। कहा कि सैन्य धाम के निर्माण से समाज के हर वर्ग को प्रेरणा मिलेगी। त्रिवेंद्र ने उम्मीद जताई है कि भविष्य में बनने वाली सरकारों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम भी धाम में होना चाहिए।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के चारों धामों गंगोत्री,यमुनाेत्री, बदरीनाथ व केदारनाथ सहित प्रमुख नदियों के पानी से भी धाम की नींव रखी जाएगी। कहा कि धाम का स्वरूप समाज के हर वर्ग को प्रेरणा देगा। रावत ने समाज के हर वर्ग से अपील की है कि वह धाम के निर्माण के लिए अपनी-अपनी सलाह जरूर दें। कहा कि लोगों द्वारा दिए गए सुझावों के लिए पूर्व सैनिकों की एक कमेटी बनाई जाएगी जो धाम के निर्माण के लिए अंतिम फैसला लेगी। कहा कि अन्य प्रदेशों से राजधानी देहरादून आने वाले लोगों को भी सैन्य धाम प्रेरणा देने का काम करेगा।
बता दें कि सैन्य धाम की घोषणा के बाद लंबे समय से इसके लिए भूमि चिह्नीकरण की प्रक्रिया चल रही थी। शासन के निर्देश पर दून में पहले सहस्रधारा रोड स्थित नगर निगम के पुराने ट्रंचिंग ग्राउंड की जमीन इसके लिए तय की गई। हालांकि, कूड़ा जमा होने के कारण इसका विरोध शुरू हो गया। इसके बाद प्रशासन ने पुरकुल गांव में जमीन चिह्नित की। इस पर मुख्यमंत्री ने सहमति दे दी थी। इसके बाद यहां सैन्य धाम निर्माण की स्वीकृति मिली तो निर्माण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि, अब धाम के शिलान्यास के बाद इसका निर्माण कार्य जोर पकड़ेगा।
सीएम त्रिवेंद्र रावत ने शहीदों के आश्रितों को दी जानी वाली आर्थिक मदद को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने की घोषणा की। कहा कि सैनिकों जो भी समस्याएं होंगी वह पूरी की जाएंगी। उन्होंने सैन्यधाम में युवाओं को सेना भर्ती के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी उपनल के पास रहेगी। कहा कि यहां पांच हेक्टेयर भूमि है। इस भूमि पर साहसिक खेलों का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने धाम के डिजाइन और उनमें जो और काम हो सकते हैं, उनके लिए सुझाव मांगें हैं। कहा कि सभी सुझावों पर विचार किया जाएगा।