बरेली से आप ट्रेन, बस या टैक्सी के माध्यम से एक दिन में आप नैनीताल के मनोरम वादियों का दीदार कर वापस भी लौट सकते हैं.

Herdyes ballabh goswami for NEWS EXPRESS INDIA

बरेली जिला को उत्तराखंड का गेट भी कहा जाता है. यहां से आप नैनीताल आप आसानी से पहुंच सकते हैं. नैनीताल की दूरी 140 किलोमीटर, कैंची धाम 170 किलोमीटर और बाबा जागेश्वर धाम की दूरी महज 220 किलोमीटर है. बरेली से आप ट्रेन, बस या टैक्सी के माध्यम से भी जा सकते हैं. नैनीताल का किराया बेहद है. यहां से एक दिन में आप नैनीताल के मनोरम वादियों का दीदार कर वापस भी लौट सकते हैं.

यदि बजट कम है और आप बरेली के आस-पास की जगह को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो आपके लिए उत्तराखंड सबसे बेस्ट प्लेस रहेगा. आप रेल के माध्यम से बरेली आ सकते हैं और यहां से बस के माध्यम से हल्द्वानी तक जा सकते हैं. हल्द्वानी के बाद बस से अपना सफर तय कर सकते हैं. बरेली में बस की ऑनलाइन माध्यम से भी अपनी सीट कंफर्म कर सकते हैं. सुबह 5 बजे से शाम 8 बजे तक उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों के लिए सीधी बस मिल जाएगी.

बरेली से टैक्सी के माध्यम से जाना चाहते हैं तो शहर के सिविल लाइंस अजूबा चौराहे के पास से अैक्सी ले सकते हैं. यहां से 24 घंटे उत्तराखंड के लिए टैक्सी उपलब्ध रहती है. है. टैक्सी से नैनीताल या भीमताल से एक दिन में आप घूम कर आसानी से आ सकते हैं. जिसका किराया आपको तीन से 4 हजार के बीच देना होता है. खास बात यह है कि आप यहां से शेयरिंग में भी टैक्सी कर सकते हैं

बरेली सिटी स्टेशन उत्तराखंड का गेट कहा जाता है. नैनीताल जाने का प्लान बना रहे हैं तो आप बरेली के सिटी स्टेशन से सुबह 6 बजे से लेकर शाम तक हल्द्वानी या काठगोदाम के लिए ट्रेन मिल जाएगी.  इसके लिए आपको सिटी रेलवे स्टेशन या बरेली के इज्जत नगर रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ना होगा. 2 घंटे में लाल कुआं और ढाई घंटे में हल्द्वानीपहुंच जाएंगे. बरेली सिटी स्टेशन से हल्द्वानी तक का किराया 100 रूपए है.

भारत देश के किसी भी कोने से उत्तराखंड जाना चाहते हैं तो आपको बरेली जंक्शन तक रेल के माध्यम से आना होगा.  इसके बाद आप बस, टैक्सी या रेल के माध्यम से उत्तराखंड तक जा सकते हैं. यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था बरेली में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए किया गया है. दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, कोलकाता और बिहार से बड़ी संख्या में लोग बरेली आकर उत्तराखंड की मरोरम वादियों का दीदार करने के लिए जाते हैं.

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