देहरादून के ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा, कई जगह आया मलबा .मालदेवता और आसपास के क्षेत्र में भारी आपदा।

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उत्तराखंड में भारी बारिश का प्रकोप जारी है। पहाड़ से लेकर मैदान तक कई जगह भारी बारिश आफत बनी हुई है। हालांकि, कुछ जिलों में बारिश का सिलसिला धीमा पड़ गया है।खासकर देहरादून, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग और चमोली में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा से हो सकती है, इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी आंशिक बादलों के बीच बौछारें पड़ सकती हैं।

देहरादून में भारी बारिश से चारों ओर जनजीवन प्रभावित है। रोजाना भारी बारिश के एक से दो दौर हो रहे हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा के हालात हैं। बीते गुरुवार की रात ज्यादातर क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई। सहस्रधारा क्षेत्र में सर्वाधिक 175 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। सहस्रधारा क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण ही मालदेवता और आसपास के क्षेत्र में भारी आपदा आई।

दून में बीते रात सहस्रधारा क्षेत्र के साथ ही अन्य क्षेत्रों में घंटों बारिश होती रही। अशारोड़ी क्षेत्र में 57 मिमी, माेहकमपुर क्षेत्र में 54 मिमी, हाथीबड़कला में 48 मिमी, मालदेवता में 36 मिमी, रायवाला में 36 और जौलीग्रांट में 24 मिमी वर्षा दर्ज की गई।

इसके साथ ही देहरादून में इस माह अभी तक औसत 509 मिमी बारिश हुई है, जो कि सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक है। इस पूरे मानसून सीजन में देहरादून में औसत बारिश 1308 मिमी दर्ज की गई है, यह सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, इस दौरान दून में कहीं सामान्य से दोगुनी और कहीं सामान्य से आधी बारिश हुई।

चंद्रबनी में बरसाती नदी का तटबंध टूटा

चोयला चंद्रबनी में बीती रात भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ। बरसाती नदी का तटबंध टूटने से कई स्थानों पर जल भराव हो गया। अमर भारती, कैलाशपुर आदि स्थानों पर घरों में पानी घुस गया। चोयला मुख्य मार्ग पर भी बाढ़ के कारण आवाजाही बाधित रही। पूर्व में भी इन स्थानों पर बाढ़ से काफी नुकसान हो चुका है।जिला प्रशासन, नगर निगम व वन विभाग को अवगत कराने के बावजूद किसी ने सुध नहीं ली। जिस पर ग्रामीणों ने भारी रोष है। चोयला में धोबाराव नाले में बाढ़ आने के कारण तटबंध घरों को खतरा पैदा हो गया। वार्ड के निवर्तमान पार्षद सुखबीर बुटोला अधिकारियों के घेराव की चेतावनी दी है।

किमाड़ी-लंबीधार मार्ग पर आवाजाही नहीं

किमाड़ी-लंबीधार मार्ग मलबा आने के कारण अब भी बंद है। यहां दो दिन से दो जेसीबी सड़क खोलने का प्रयास कर रही हैं। मसूरी के वैकल्पिक मार्ग के रूप में देहरादून के यातायात को यहीं से भेजा जाता है। हालांकि, मार्ग अवरुद्ध होने से किमाड़ी-रिखोली समेत कई गांव के निवासी कैद हो गए हैं।

इधर, गढ़ी कैंट में भारी बारिश से हवाघर-डाकरा लिंक मार्ग नव चेतना कालेज के निकट क्षतिग्रस्त हो गया। जिससे यहां आवाजाही पूर्णत: ठप हो गई है। क्षेत्रवासियों को इससे खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने आपदा मद में शीघ्र मार्ग की मरम्मत कराने की मांग की है।

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