उत्तराखंड के स्कूलों में अब बच्चे पढ़ेंगे राज्य आंदोलनकारियों के संघर्ष और कुर्बानियों की कहानी . जिन्हें छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक सामाजिक विज्ञान की सहायक पुस्तिका के रूप में पढ़ाया जाएगा.

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

प्रदेश हमें ऐसे ही नहीं मिला है बल्कि कई राज्य आंदोलनकारी के संघर्ष और कुर्बानियों की बदौलत यह राज्य लोगों को मिला था. उस जमाने के लोगों को पता है कि किस तरह की लड़ाई प्रदेश के लिए लड़ी गई थी. लेकिन नई पीढ़ी उसे अनभिज्ञ है. आने वाले पीढ़ी को संघर्ष की कहानी बताने के लिए अब सरकारी स्कूलों में छोटे बच्चों को राज्य आंदोलन की कहानियों को पढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही कारगिल में शहीद वीरों के किस्सों से भी बच्चे रूबरू हो पाएंगे.

दरअसल, सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 में घोषणा की थी कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने पुस्तक तैयार की है जिन्हें छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक सामाजिक विज्ञान की सहायक पुस्तिका के रूप में पढ़ाया जाएगा.

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने आयोजित की गई बैठक में इसकी प्रेजेंटेशन दी. राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद वंदना गर्ब्याल ने जानकारी देते हुए कहा कि बाल साहित्य के रूप में एक किताब तैयार की गई हैं,

जिसके माध्यम से छात्र हमारी संस्कृति, भौगोलिक स्थिति के साथ-साथ राज्य आंदोलनकारी और कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीरों की कहानी पढ़ सकेंगे.

बच्चे कबूतरी देवी, तीलू रौतेली, पंडित गोविंद बल्लभ पंत, श्रीदेव सुमन जैसे महान लोगों की कहानियां भी पढ़ सकेंगे. जिन्होंने उत्तराखंड के कई आंदोलन में अपने अहम भूमिका निभाई है. इसके अलावा मर्यादा पुरुषोत्तम राम के उत्तराखंड से संबंध की कहानी भी उन्हें पढ़ाई जाएगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *