दिल्ली के गाजीपुर के बाद अब सिंघु बॉर्डर को भी खोलने की मांग की जा रही है। किसानों के आंदोलन के धीमा होते ही यहां सर्विस लेन खुल चुकी है.

Gaurav agarwal for News Express India

किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद दिल्ली के गाजीपुर, सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी। यहां बैरिकेड के साथ बड़े-बड़े कंटेनर लगाए गए थे। हालांकि अब किसान आंदोलन धीमा हो चुका है और इसी के साथ दिल्ली के बॉर्डर भी खुलना शुरू हो गए हैं। मंगलवार को दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर लगे बैरिकेड को हटा लिए जाने के बाद से अब सिंघु बॉर्डर पर लगे बैरिकेड्स को भी हटाने की मांग यहां के व्यापारी और लोग कर रहे हैं।

लोगों का कहना है कि जिस तरह से गाजीपुर बॉर्डर से पुलिस और बैरिकेड को हटा लिया गया है। उसी तरह सिंघु बॉर्डर पर एनएच-44 को भी खोल दिया जाए।

हालांकि यहां पहले ही सर्विस रोड की दो लेन को दिल्ली आने और जाने के लिए खोला हुआ है, लेकिन वह अभी पर्याप्त नहीं है। हाइवे पर ट्रैफिक के बढ़ते लोड की वजह से यहां बॉर्डर पार करने में 30 से 45 मिनट तक लग रहे हैं।

लोगों को हो रही है भारी परेशानी
दिल्ली के अंदर आने के बाद मुकरबा चौक के पास भी लिबासपुर में पुलिस की तरफ से ओल्ड जीटी रोड और एनएच-44 पर भी बैरिकेड और पत्थर लगाए हुए हैं। इसके कारण लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है। सिंघु बॉर्डर पर एक पेट्रोल पंप ओनर राजीव जैन ने बताया कि अभी बॉर्डर पूरी तरीके से नहीं खुला है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है।

दूसरे व्यापारियों को भी मंदी का सामना करना पड़ रहा है, जब पूरी तरीके से बॉर्डर बंद थी, तब 50% तक सेल गिर गई थी, लेकिन अब थोड़ा सुधार हुआ है। प्रशासन को चाहिए कि सड़क को पूरी तरीके से अब खोल दिया जाए। महीनों से रास्ते बंद करके रखना कोई समाधान नहीं है। वहीं दूसरी तरफ लिबासपुर के पास एनएच-44 पर ही रखें कंटेनर और पत्थरों की वजह से भयानक जाम का सामना लोगों को करना पड़ता है। राहगीर संजीव ने बताया कि यह जाम स्वरूप नगर तक पहुंच जाता है। पीक आवर में स्थिति और भी बदतर हो जाती है।

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