उत्तराखंड में इस साल बारिश ने भारी तबाही मचाई। सड़के बह गई हैं वहीं भूस्खलन से कई घर तबाह हो गए.भूस्खलन से कई लोगों की मौत हो चुकी हैं.

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उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश  होने से लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां लगातार बारिश और बादल फटने की घटनाओं की वजह से भारी नुकसान देखने को मिल रहा है. दोनों ही पहाड़ी राज्यों में बारिश, बादल फटने की घटनाओं और भूस्खलन लोगों के लिए जानलेवा बन रहे हैं. बड़ी-बड़ी बिल्डिंगें ताश के पत्तों की तरह बह जा रही हैं. पेड़ों के गिरने की वजह से भी मकानों को नुकसान पहुंच रहा है और लैंडस्लाइड के कारण सड़कें बंद पड़ी हैं.

उत्तराखंड में इन दिनों मौसम कहर ढा रहा है। लगातार हो रही बारिश से जल प्रलय जैसी स्थिति बन गई है। एक बार फिर से ऋषिकेश में बनी भगवान शिव की मूर्ति डूबती नजर आ रही है। वहीं भूस्खलन से कई लोगों की जिंदगी खत्म हो गई है। अभी भी पहाड़ों पर भूस्खलन का दौर जारी है। बारिश की बात करें तो आज भी कई जिलों में बारिश का अनुमान है

मौसम विभाग का मानना है कि उत्‍तराखंड के कुछ क्षेत्रों में बारिश देखने को मिल सकती है। यहां तूफान की भी चेतावनी दी गई है। मौसम विभाग की मानें तो कई इलाकों में हल्की बारिश होगी और कहीं आसमान से एक बार फिर आफत बरस सकती है।

गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारू है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर हनुमान चट्टी के पास गत बुधवार की शाम को भूस्खलन हुआ था। जिसे राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण बड़कोट खंड की टीम ने रात को सुचारू कर दिया है। लगातार हो रहे भूस्खल की वजह से यातायात प्रभावित हो रही है।

भूधंसाव के चलते पछवादून क्षेत्र की बिन्हार की मदरसू ग्राम पंचायत का जाखन गांव बुधवार को आपदा की चपेट में आ गया। देहरादून जिला मुख्यालय से करीब 65 किमी दूर दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र स्थित इस गांव के ऊपर की तरफ से गुजर रही सड़क से बुधवार सुबह शुरू हुआ भूधंसाव देखते ही देखते ग्रामीणों के घरों तक पहुंच गया। यहां 10 आवासीय भवन धराशायी हो गए और 10 अन्य चौड़ी दरारें आने के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। प्रशासन के अनुसार दरारें छह इंच से एक फीट तक चौड़ी हैं।

अचानक मकानों में दरारें आती देख आनन-फानन लोग घरों से निकलकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। धराशायी हुए भवनों से ग्रामीणों को सामान निकालने का भी समय नहीं मिला। कुछ ही देर बाद मकान भरभराकर गिरने लगे। यह देख जिला प्रशासन ने पूरा गांव खाली करा दिया।

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