उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसान को झटका दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किसानों की टेंशन को दूर करने के लिए कारगर प्लान बनाया.

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उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने एक बार फिर किसान-बागवानों को झटका दिया है। वजह पछुवादून से लेकर जौनसार बावर तक बारिश का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। इसके चलते गेहूं, प्याज, लहसुन, टमाटर, आलू व सरसों की फसल को भारी नुकसान हुआ। बारिश के बीच हवा चलने से खेतों में गेहूं की फसल गिर गई।

लीची और आम के काफी बौर गिर गए। किसानों  को नुकसान होने के बाद टेंशन लेने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने किसानों की टेंशन को दूर करने के लिए कारगर प्लान बनाया है। अधिाकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसानों के नुकसान का आंकलन करन उन्हें प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

गुरुवार रात से तेज हवा के साथ शुरू हुई बारिश से लीची, आम के बौर पर व्यापक प्रभाव हुआ है। बारिश से आम और लीची के बौर पेड़ों से गिर गए। मैदानी क्षेत्रों में इन दिनों आम, लीची के पेड़ बौर से लकदक हैं। ऐसे में बारिश इन फलों के लिए काल साबित हुई है।

सीमांत तहसील त्यूणी क्षेत्र में सेब का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। यहां परंपरागत फसलों के बजाय बागवानी ही ग्रामीणों की आर्थिकी का मुख्य साधन है। लेकिन इस बार बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से सेब, आलूबुखारा, पुलम, आड़ू की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचा है।

लगातार हुई बारिश से तहसील क्षेत्र में गेहूं, मटर, सरसों की खड़ी फसल बर्बाद हो गई। गेहूं और नगदी फसलें खराब होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कृषि और आपदा प्रबंधन विभाग से बेमौसम बारिश से फसलों को हुए नुकसान का ब्योरा जुटाने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नुकसान की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करेगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पिछले 24 घंटे के भीतर राज्य के कई हिस्सों में तेज बारिश और हवा से गेहूं और अन्य मौसमी फसलों को नुकसान पहुंचा है।

इसके मद्देनजर नुकसान का आकलन करने को कहा गया है। मैदानी क्षेत्रों में गेहूं की फसल पक कर तैयार है, लेकिन बारिश ने कटाई में रुकावट डाल दी है। ऐसे में सरकार किसानों की हरसंभव मदद करेगी। उत्तराखंड में मार्च के दूसरे पखवाड़े 17 मार्च से 31 मार्च के बीच नौ दिन बारिश हुई है, जिससे सबसे ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचने की आशंका है। वहीं, तेज हवाओं और ओलावृष्टि से आम और लीची के बौर भी गिर गए हैं।

केंद्र से लगातार मिल रही हैं सौगातें : मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष केंद्रीय योजनाओं में राज्य को काफी मदद मिली है। कुछ योजनाएं तो ऐसी हैं जो लंबे समय से लटकी हुई थी। केंद्र के हर विभाग ने भी प्राथमिकता के आधार पर उत्तराखंड के विकास के लिए अलग-अलग योजनाओं के लिए धनराशि रिलीज की है।

धामी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कल्पना है कि यह दशक उत्तराखंड का होगा। राज्य सरकार इसी परिकल्पना के आधार पर आगे बढ़ रही है। केंद्र से लगातार मिल रही मदद के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मंत्रियों का आभार जताया।

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