उत्तराखंड में शराब की दुकानों की लॉटरी और रिन्यूअल के लिए सरकार द्वारा कम समय देने के मामले में हाईकोर्ट नैनीताल ने आवंटन प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया

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उत्तराखंड में शराब की दुकानों की लॉटरी और रिन्यूअल के लिए सरकार द्वारा कम समय देने के मामले में हाईकोर्ट नैनीताल ने आवंटन प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया है। हाईकोर्ट ने आबकारी नीति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने शासन को जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है।

उत्तराखंड में आबकारी विभाग की नई शराब नीति की घोषित होने के बाद 31 मार्च तक शराब ठेकों के आवंटन की प्रक्रिया को फाइनल किया जाना था। इसके बाद शराब के शौकीनों को थोड़ा सस्ती शराब मिलना तय माना जा रहा था। हालांकि इन दुकानों के रिन्यूअल और लॉटरी प्रक्रिया के कुछ बिंदुओं से असहमत कारोबारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने बुधवार को सरकार की नई शराब नीति को लेकर दाखिल एक याचिका पर सुनवाई की। पिरूमदारा निवासी विकास चंद्र ने याचिका दायर कर कहा है कि सरकार ने 22 माच्र को नई आबकारी नीति घोषित की है। जो एक अप्रैल से लागू होनी है। 25 मार्च को सरकार ने विज्ञप्ति जारी की थी कि पुराने लाइसेंसधारी 29 मार्च तक अपने दुकानों का रिन्यूअल करा लें। साथ ही जिन दुकानों का रिन्यूअल नहीं होता है उनका आवंटन 31 मार्च को लॉटरी सिस्टम से किया जाएगा।

याचिका में कहा गया है कि आबकारी नीति का क्लॉज 5.3 और 6.3 देशी व अंग्रेजी शराब के लिए अलग-अलग नीति है। देशी शराब के लिए प्रति बोतल 270 रुपये गारंटी ड्यूटी तय की गई, जबकि अंग्रेजी शराब के लि अभी तक यह तय नहीं हुआ है। वे किस आधार पर दुकानों का रिन्यूअल करें। जबकि दुकानों के रिन्यूअल के लिए भी समय कम दिया गया है।

हाईकोर्ट ने आबकारी विभाग से सवाल किया कि सिर्फ 1 दिन में दुकानों की लॉटरी कैसे फाइनल हो सकती है। बिना मिनिमम गारंटी ड्यूटी नोटिफाई किये टेंडर कैसे डाला जा सकता है। विदित हो कि आबकारी विभाग ने 29 मार्च को शराब ठेकों के रिन्यूअल की अंतिम डेट रखी थी। शराब के ब्रांड के स्लैब घोषित नहीं होने पर शराब कारोबारी कोटे के रिन्यूअल पर असमंजस में दिखे। हालांकि, हाईकोर्ट में मामला पहुंचने पर विभाग ने शराब के ब्रांड के स्लैब जारी कर दिए। साथ ही यह खबर भी आ रही है कि शासन शराब कारीबरियों को सात दिन का समय और दे सकता है।

अधिवक्ता संदीप कोठारी हाईकोर्ट के अधिवक्ता संदीप कोठारी ने बताया कि शराब ठेकों को लेकर हाईकोर्ट में दो याचिका दायर की गई थी। दायर याचिका में कहा गया कि लॉटरी को लेकर सिर्फ 1 दिन का समय दिया गया है। इसे लेकर सरकार से समय मांगा गया जिस पर सरकार की तरफ से समय बढ़ाने के लिए कोई सहमति नहीं दी गई। इसी को देखते हुए न्यायालय ने इस सेटलमेंट पर स्टे लिया है।

आबकारी सचिव हरिचंद सेमवाल ने बताया कि कोर्ट से शराब पॉलिसी पर किसी भी प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई है। शराब की दुकानों के आवंटन के समय को लेकर हाईकोर्ट ने जो निर्देश जारी किए हैं, उस पर विभाग हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश करेगा।

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