दो राज्यों के बीच लटका :एक्सप्रेस-वे का काम, यूपी की सीमा में काम अपेक्षाकृत धीमी गति से : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बारे में बातचीत.

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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम दो राज्यों के बीच लटकता दिख रहा है। उत्तराखंड के हिस्से में जहां तेजी से काम हो रहा है तो वहीं उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्यों में सुस्ती नजर आती है। कारण, वहां शाम होते ही निर्माण बंद कर दिया जाता और रात में काम की परमिशन नहीं है।

आगे भी यही हाल रहा तो तय समय में एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा होना पाना संभव नहीं है। हैरत की बात यह है कि एनएचएआई के अधिकारियों ने अब तक इस बारे में उत्तराखंड सरकार को अवगत नहीं कराया जबकि प्रोजेक्ट पूरा होने में एक साल ही बचे हैं।

रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे तो यह जानकार हैरान रह गए कि यूपी की सीमा में काम अपेक्षाकृत धीमी गति से चल रहा है। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस बारे में बातचीत कर रात में भी निर्माण शुरू कराने की बात कही।

बता दें कि उत्तराखंड के हिस्से में डाट काली मंदिर के पास प्रोजेक्ट का काम काफी हद तक नजर आ रहा है। पिलर खड़े हो गए हैं और सड़क बनाकर लगभग तैयार कर दी गई है। लेकिन, इससे आगे जैसे ही यूपी शुरू होता है वहां सिर्फ पिलर नजर आते हैं। उसके ऊपर कोई काम नहीं हुआ है। क्योंकि, वहां शाम ढलते ही निर्माण बंद हो जाता है। इससे लगता नहीं कि एक्सप्रेस-वे मार्च 2024 तक पूरा हो पाएगा।वहीं, परियोजना के तहत 550 पिलर में से करीब 400 पिलर बन गए हैं। कुछ पर गॉर्डर डाल दिया गया है, लेकिन अन्य कार्यों में देरी हो रही है।

उत्तराखंड के हिस्से में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का काम छह महीने पहले ही पूरा करने का लक्ष्य है। एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च 2024 तय की गई है। लेकिन, उत्तराखंड में इसका काम सितंबर 2023 में पूरा हो जाएगा। -पंकज मौर्य, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

सीएम ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों से बातचीत की और हालचाल जाना। सीएम ने एनएचएआई अफसरों से कहा, श्रमिकों के स्वास्थ्य, रहने एवं खाने की व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए।

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रिस्पना पुल से आईएसबीटी तक निर्माणाधीन फोरलेन हाईवे के काम में तेजी लाने के निर्देश लोक निर्माण विभाग के अफसरों को दिए। कहा, काम की प्रगति के साथ गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाए। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस मौके पर चीफ इंजीनियर लोनिवि अयाज अहमद, डीएम देहरादून सोनिका, अपर सचिव विनीत कुमार एवं एनएचएआई के अधिकारी मौजूद थे।

अभी दिल्ली से देहरादून जाने में करीब पांच से छह घंटे का समय लगता है। गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की होते हुए देहरादून जाने के लिए करीब 250 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन, एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह दूरी 40 किमी घटकर महज 210 किमी रह जाएगी। इससे दो से ढाई घंटे में देहरादून पहुंचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, अगले साल से देहरादून से दिल्ली की दूरी दो से ढाई घंटे में पूरी होगी। इससे दिल्ली और उसके आसपास के लोगों को उत्तराखंड आने में सुगमता होगी। राज्य में जिस तेज गति से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ रही, इससे आने वाले समय में राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।

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