उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड क्यों जरूरी है.

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केंद्र सरकार संसद में बताया कि समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर वादा किया था. इलेक्शन जीतने के बाद इसको लेकर धामी सरकार ने कमेटी भी बनाई.

यूनिफॉर्म सिविल कोड राज्य के लिए कितना लाभकारी होगा के सवाल पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जवाब दिया, ”उत्तराखंड देव भूमि है. हमने जब लोगों के सामने ये (समान नागरिक संहिता) संकल्प रखा तो हमने कहा था कि हमारा राज्य दो अंतराष्ट्रीय सीमाओं से लगा हुआ है. हर परिवार से कोई ना कोई सेना में है. इस कारण कानून व्यवस्था सही होनी चाहिए. हमने यह देखते हुए ही कमेटी का गठन किया है, जिसने स्टेक होल्डर से बात की है. जल्द ही ड्राफ्ट हो जाएगा और राज्य में यूसीसी लागू होगा.”

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार 2 फरवरी) को राज्यसभा में कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने को लेकर केंद्र सरकार ने कोई निर्णय इसलिए नहीं लिया क्योंकि यूसीसी से संबंधित मामला 22वें लॉ कमीशन की ओर से विचार के लिए उठाया जा सकता है.

बीजेपी अपनी चुनावी घोषणापत्र में राम मंदिर, जम्मू कश्मीर में 370 हटाने और समान नागरिक संहिता को लेकर वादा करती रही है. इनमें से राम मंदिर और 370 का एजेंडा पूरा हो चुका है. ऐसे में यूनिफॉर्म सिविल कोड रह गया है.

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