दरोगा भर्ती धांधली में विजिलेंस की रिपोर्ट पर प्रदेश के 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया.

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दरोगा भर्ती धांधली में विजिलेंस की रिपोर्ट पर प्रदेश के 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया है। ये दरोगा जांच पूरी होने तक निलंबित ही रहेंगे। प्रथम दृष्टया जांच में इन दरोगाओं के नकल करने की बात सामने आई है। हालांकि, मुकदमे में अभी किसी भी दरोगा को नामजद नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि यह फेहरिस्त अभी और भी लंबी हो सकती है।

गौरतलब है कि पिछले साल मई में एसटीएफ ने स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक संबंधी जांच की थी। इस जांच में सिलसिलेवार कई भर्तियों में धांधली की बात सामने आई थी। इसमें 2015 में हुई सीधी दरोगा भर्ती में धांधली के सुबूत भी एसटीएफ को मिले थे। इनमें पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ को 12 दरोगाओं के नाम पता चले थे। इस परीक्षा को पंतनगर विवि की ओर से कराया गया था। क्योंकि, मामला पुलिस से जुड़ा था तो इसकी जांच शासन के निर्देश पर विजिलेंस को सौंपी गई थी।

प्राथमिक पड़ताल के बाद विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में आठ अक्तूबर 2022 को 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में आरएमएस कंपनी के मालिक राजेश चौहान, पंतनगर विवि के अधिकारी, एक डीन को नामजद किया गया था। करीब चार माह की जांच के बाद विजिलेंस ने पुलिस मुख्यालय को 20 दरोगाओं के नाम सौंपे हैं। प्राथमिक जांच के आधार पर इन दरोगाओं पर नकल करने का आरोप है। जांच प्रभावित न हो इसके लिए इन सभी दरोगाओं को पुलिस मुख्यालय ने निलंबित करने के आदेश दिए। जिला पुलिस कप्तानों ने इन सभी को सोमवार देर शाम निलंबित कर दिया है।

देहरादून के तीन चौकी इंचार्ज समेत पांच दरोगा शामिल
ओमवीर सिंह-देहरादून (चौकी इंचार्ज सभावाला)
प्रवेश रावत-देहरादून (चौकी इंचार्ज नालापानी)
राजनारायण व्यास-देहरादून
जैनेंद्र राणा-देहरादून (चौकी इंचार्ज खुड़बुड़ा)
निखिलेश सिंह बिष्ट-देहरादून
दीपक कौशिक-ऊधमसिंह नगर
अर्जुन सिंह -ऊधमसिंह नगर
बीना पपोला-ऊधमसिंह नगर
जगत सिंह शाही-ऊधमसिंह नगर
हरीश महर-ऊधमसिंह नगर
लोकेश-ऊधमसिंह नगर
संतोषी-ऊधमसिंह नगर

नीरज चौहान-नैनीताल
आरती पौखरियाल-नैनीताल (एलआईयू)
प्रेमा कोरमा-नैनीताल
भावना बिष्ट-नैनीताल
पुष्पेंद्र- पौड़ी गढ़वाल
गगन मैठानी-चमोली
तेजकुमार-चंपावत
मोहित सिंह रौथाण-प्लाटून कमांडर एसडीआरएफ

वी मुरुगेशन, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एवं पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक वर्ष 2015-16 दरोगा सीधी भर्ती में अनियमितता होने की जांच विजिलेंस कर रही है। अभी तक की जांच में संदिग्ध पाए गए 20 दरोगाओं को जांच पूरी होने तक निलंबित करने के लिए जिला पुलिस कप्तानों को निर्देशित किया गया था। इसके क्रम में ये सभी निलंबित कर दिए गए हैं।

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