उत्तराखंड का जोशीमठ शहर सुर्खियों में है, वहां जमीन धंसने के बाद एक दो मकान नहीं बल्कि पूरा का पूरा शहर खतरे की जद में.

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उत्तराखंड का जोशीमठ शहर सुर्खियों में है, वहां जमीन धंसने के बाद एक दो मकान नहीं बल्कि पूरा का पूरा शहर खतरे की जद में आ गया है,एक दो नहीं बल्कि सैंकड़ों मकानों में दरार पड़ने से गिरने का खतरा बढ़ गया है, जबकि जमीन में भी मोटी मोटी दरारें पड़ने से लोग दहशत में हैं, लेकिन परेशानी ये है कि बचने के लिए जाएं भी तो कहां, क्योंकि जिस पहाड़ पर ये शहर बसा है अब उस पर ही खतरा मंडराता हुआ दिख रहा हैI

उत्‍तराखंड के जोशीमठ में पल-पल मौत के साये में जी रहे लोग अपने घरों का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। अपने आशियानों को टुकड़े-टुकड़े होता देख लोग तड़प रहे हैं। खून पसीने की कमाई से बनाए मकानों को ढहने के लिए छोड़ कर सड़कों एक अलाव के सहारे रात बितानी पड़ रही है या फिर जिनके घर सुरक्षित है उनके यहां शरण लेनी पड़ रही है। आलम यह है कि घरों में नई दरारें आ रही हैं।

जोशीमठ में दो होटल तिरछे होकर एक दूसरे के सहारे टिके हुए हैं। इन होटलों के आसपास रहने वालों की नींद उड़ी हुई है। उनका कहना है कि उत्‍तराखंड सरकार इस मामले में लापरवाही बरत रही है। उनको मरने के लिए छोड़ दिया है। वन विभाग की चेक 7 से 200 मीटर की दूरी पर चौड़ी दरारें आ गई हैं। जेपी बिजली कंपनी के परिसर में बने भवनों की दरारें भी चौड़ी होती जा रही हैं।

नगर क्षेत्र में भू-धंसाव का दायरा अचानक से बढ़ गया है। सड़कों की दरारें भी और चौड़ी हो रही हैं तो वहीं मकानों में नई दरारें आने लग गई हैं। ऐसे घरों में रहने वाले लोगों ने अब अपने मकानों को छोड़ने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं। नगर में ऐसे 14 परिवारों ने अपने घरों को छोड़ दिया है। मारवाड़ी वार्ड में स्थित जेपी कंपनी की आवासी कॉलोनी के कई मकानों में दरारें आ गईं और वहां पर पुश्ता भी ढह गया। कॉलोनी के पीछे पहाड़ी से रात को ही अचानक मटमैले पानी का रिसाव भी शुरू हो गया। इससे लोगों में और डर बैठ गया है। इसके बाद लोग सतर्क हो गये और ऐसे ही पांच परिवारों के लोगों ने सड़क किनारे अलाव के सहारे पूरी रात काटी। इन परिवारों का कहना था कि सरकार को जोशीमठ क्षेत्र के लोगों की बिल्कुल भी चिंता नहीं है। उन लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है। सिंहधार वार्ड में किराये पर रह रहे नौ परिवारों ने भी घर खाली कर दिए हैं।

मारवाड़ी वार्ड के सभासद प्रदीप भट्ट के अनुसार जेपी कॉलोनी में रात को अचानक दरार आने से लोगों में डर का माहौल है। लोग रातभर सो नहीं पाए। यहां पुश्ता ढहने के साथ ही बदरीनाथ हाईवे पर भी मोटी दरारें आ गई हैं। कॉलोनी के पिछले हिस्से में पहाड़ी से पानी का रिसाव शुरू हो गया है। पानी मटमैला आ रहा है जिससे वह सीवर या नाली का नहीं लग रहा है। जमीन से ही पानी का रिसाव हो रहा है। जबकि तहसीलदार रवि शाह का कहना है कि जेपी कंपनी में दरार आने और पानी के रिसाव की सूचना मिली है। मौके पर टीम को भेजकर निरीक्षण किया गया।

नगर क्षेत्र में स्थित ज्योतेश्वर महादेव का मंदिर भी इस आपदा की चपेट में आ गया है। भूधंसाव के कारण मंदिर और मंदिर परिसर में भी दरारें आ गई हैं। मान्यता है कि इस स्थान पर आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या कर ज्योति ज्ञान की प्राप्ति की थी। मंदिर के पुजारी महिमा नंद उनियाल के अनुसार कुछ दिन पहले मंदिर में हल्की दरारें थीं लेकिन वह मंगलवार रात से बढ़ने लगी हैं। इससे मंदिर को खतरा बना है। तहसील के आवासीय भवनों में भी हल्की दरारें दिखने लगी हैं। इसने प्रशासन की चिंता को और बढ़ा दिया है।

सिंहधार वार्ड में बहुमंजिला होटल माउंट व्यू और मलारी इन जमीन धंसने से तिरछे हो कर आपस में जुड़ गये हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि रात के समय अचानक होटल की दीवारों के चटकने की आवाज आने लगी तो इस होटल के पीछे की ओर रहने वाले पांच परिवारों के लोग दहशत में आ गये। वे लोग रात के समय ही अपने घरों से बाहर आ गये और सड़क किनारे आग जलाकर रात काटी। इस दौरान उनके साथ महिलाएं और बच्चे भी थे। इस ठिठुरन भरी ठंड में पूरी रात आग के सहारे काटना इन लोगों के लिए कितना कष्टदायक रहा। प्रभावित मोहन सिंह रावत और रघुनाथ सिंह ने बताया कि होटलों की दीवारों से अचानक रात को चटकने की आवाज आने से सभी लोग भयभीत हो गए। घरों में आई दरारों से ज्यादा उन्हें इन होटलों से खतरा बना हुआ है। तहसीलदार रवि शाह ने बताया कि यहां के प्रभावित चार परिवारों को मंगलवार सुबह नगर पालिका के गेस्ट हाउस और एक परिवार को ब्लॉक सभागार में शिफ्ट कर दिया गया है।

जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने सरकार क्षेत्र के लोगों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। समिति के पदाधिकारियों के अनुसार जब वे लोग देहरादून में सीएम से मिले थे तो क्षेत्रीय विधायक राजेंद्र भंडारी भी उनके साथ थे। सीएम ने एक मिनट से भी कम समय में उनकी आधी-अधूरी बात सुनकर मुख्य सचिव से बात करने को कहा। यह क्षेत्रीय जनता के साथ विधायक का भी अपमान है।

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