सीसीटीवी कैमरों को बंद कर देहरादून शहर के एक नशा मुक्ति केंद्र का कर्मचारी पहले से केंद्र में भर्ती आठ युवकों को अपने साथ लेकर चला गया।

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देहरादून शहर के एक नशा मुक्ति केंद्र का कर्मचारी पहले से केंद्र में भर्ती आठ युवकों को अपने साथ लेकर चला गया। 17 दिन पहले कर्मचारी ने केंद्र के सभी सीसीटीवी कैमरों को बंद कर युवकों को भगाया। नशा मुक्ति केंद्र संचालकों ने सूचना पुलिस और प्रशासन को भी नहीं दी। बृहस्पतिवार को जब पुलिस ने तस्दीक की तो पता चला कि सभी युवक अपने घर पहुंच गए हैं।

बताया जा रहा कि कर्मचारी ने अपना नशा मुक्ति केंद्र खोला है, जिसमें भर्ती कराने की बात कहकर वह सभी को साथ लेकर चला गया था। घटना 10 अक्तूबर की बताई जा रही है। अमर उजाला को एक पाठक ने इमेल से 10 युवकों के केंद्र से भागने की जानकारी दी थी। सूचना को वसंत विहार पुलिस को भी साझा किया गया। चकराता रोड स्थित इस केंद्र में पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि वहीं का एक कर्मचारी 10 नहीं, बल्कि आठ युवकों को लेकर गया था। रात में करीब 11 बजे केंद्र के सभी सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया था। एसएसआई वसंत विहार नंदलाल रुढ़ी ने सभी युवकों के घरवालों को फोन किया।

सभी के परिजनों ने बताया कि वह सब घर पहुंच गए हैं। बाद में नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों ने पुलिस को बताया कि यहां का सूरज नाम का कर्मचारी सभी युवकों को लेकर भागा था। उसने अपना नशा मुक्ति केंद्र भी शहर में ही खोला है। संभवतया सभी को उसने वहां भर्ती कराने की बात कही थी, लेकिन युवकों ने पहले अपने घर जाने की शर्त रखी। इस पर सभी युवक अपनेे घरों को चले गए। एसएचओ वसंत विहार होशियार सिंह ने बताया कि पुलिस ने पड़ताल कर ली है। भविष्य के लिए नशा मुक्ति केंद्र संचालकों को चेतावनी दी गई कि यदि इस तरह का मामला सामने आए तो पहले सूचना पुलिस को दी जाए।

शहर के नशा मुक्ति केंद्र लंबे समय से विवादों में हैं। तीन साल पहले राजपुर क्षेत्र स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र से 18 लोग भाग गए थे। इसके बाद पिछले साल क्लेमेंटटाउन स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र से 17 युवक भागे थे। कुछ दिन बाद इसी क्षेत्र के एक नशा मुक्ति केंद्र में युवतियों के साथ छेड़खानी का मामला सामने आया। संचालकों पर मुकदमा दर्ज हुआ और केंद्र को बंद कराया गया। इसी साल जनवरी में नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में एक नशा मुक्ति केंद्र में एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पता चला कि उसकी हत्या की गई थी। इस मामले में छह संचालकों पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया।

क्लेमेंटटाउन थाना क्षेत्र के नशा मुक्ति केंद्रों से युवकों के भागने और युवतियों के साथ छेड़खानी की बात सामने आने पर जांच शुरू हुई। पता चला कि सभी केंद्रों में प्रताड़ना से परेशान थे। प्रशासन ने शहर के तमाम नशा मुक्ति केंद्रों का निरीक्षण किया। पता चला कि कहीं डॉक्टरों की सुविधा नहीं है तो कहीं साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता है। काउंसलिंग के लिए भी वहां पर कोई व्यवस्था नहीं है। यही नहीं पुलिस-प्रशासन के रिकॉर्ड में भी इन नशा मुक्ति केंद्रों का ब्योरा नहीं है। इस पर शासन में इनकी नियमावली बनाने पर जोर दिया गया, लेकिन अभी तक नियमावली के संबंध में कोई आदेश निर्देश जारी नहीं हुए हैं।

 

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