अंकिता भंडारी केस में अनसुलझे हैं कई सवाल: क्या है वह 6 दिन की मर्डर मिस्ट्री? बेहद शातिर है पुलकित आर्य’, अंकिता मर्डर केस पर बोले उत्तराखंड के DGP.

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अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि हत्याकांड के मास्टरमाइंड पुलकित आर्य पर गैंगस्टर एक्ट के तहत एक्शन लिया जा रहा है. डीजीपी ने कहा कि आरोपी पुलकित आर्य बेहद शातिर है. एक ऑडियो टेप से पता चलता है कि जब अंकिता का दोस्त कुछ सवाल पूछता है तो पुलकित बौखला जाता है और उल्टा उसी से सवाल पूछने लगता है कि कहीं अंकिता तुम्हारे ही साथ तो नहीं चली गई?

डीजीपी ने बताया कि SIT की टीम सोमवार को रिजॉर्ट पर जाएगी. SIT की टीम को निर्देश दिया गया है कि अब वह कुछ दिन रिजॉर्ट के आस-पास ही रहें. डीजीपी ने आगे बताया, ‘हमारे पास CCTV फुटेज भी है, जिसमें दिखाई दे रहा है कि एक बाइक पर अंकिता और पुलकित बैठे हैं और दूसरी बाइक पर दो और लोग. लेकिन वापस लौटते वक्त अंकिता उनके साथ नहीं है.’उन्होंने बताया कि फिलहाल आरोपी पुलकित समेत तीनों आरोपियों की रिमांड लिया है. उनसे पूछताछ की जा रही है.

इससे पहले पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि 19 साल की रिसेप्शनिस्ट अंकिता पर रिजॉर्ट में आने वाले VIP मेहमानों को ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव बनाया जा रहा था. इसकी पुष्टि WhatsApp चैट से हुई थी. मैसेज में अंकिता ने अपने दोस्त को लिखा था, ‘मैं गरीब हो सकती हूं, लेकिन 10 हजार रुपये के लिए खुद को बेचूंगी नहीं.

इस प्रकार है पूरा मामला?

पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर विधानसभा इलाके के एक प्राइवेट रिजॉर्ट में अंकिता रिसेप्शनिस्ट थी.वो 18 सितंबर की रात थी, जब चीला बैराज से 19 साल की अंकिता भंडारी को पानी में फेंका गया था. बैराज के पानी में अंकिता या यूं कहें कि उसकी लाश पूरे छह दिनों तक तैरती फंसती रही. फिर छठे दिन करीब 8 किलोमीटर दूर चीला पावर हाउस के करीब अंकिता की लाश बरामद होती है.पुलिस और SDRF की टीमें जिला पावर हाउस के पास शक्ति नहर में तलाशी अभियान चला रही थीं. शनिवार यानी 24 सितंबर की सुबह पुलिस को अंकिता की डेडबॉडी चिल्ला पावर हाउस के पास से मिली थी.

अंकिता भंडारी की हत्या के आरोपी में पुलिस ने रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था.

आरोपी सौरभ ने पुलिस को बताया था अंकिता और पुलकित में विवाद हुआ था. अंकिता हमें अपने साथियों के बीच बदनाम करती थी. हमारी बातें अपने साथियों को बताती थी कि हम उसे कस्टमर से संबंध बनाने के लिए कहते हैं. इस दौरान हुई हाथापाई के समय हमने गुस्से में उसे धक्का दे दिया था और वह नहर में गिर गई थी.

सच उजागर करना चाहती थी अंकिता
अब सवाल ये है कि छह दिनों में अंकिता की लाश सिर्फ 8 किलोमीटर दूर तक ही क्यों पहुंची? तो जवाब ये है कि अगर बैराज के पानी को कम ना किया जाता, तो शायद अंकिता की लाश कभी मिलती ही नहीं और यही कातिल चाहते थे. मगर शुक्र है कि ना सिर्फ अंकिता की लाश मिली, बल्कि इसके साथ ही ये खुलासा भी हो गया कि अंकिता को मारा गया है. मारा गया है क्योंकि वो एक ऐसा सच उजागर करने जा रही थी, जो कातिलों को कतई बर्दाश्त नहीं था.

पुलिस थाने में भटकते रहे अंकिता के परिजन 

18 सितंबर के बाद अगले रोज यानी 19 सितंबर की सुबह रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य लोकल पुलिस स्टेशन जाता है और अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाता है. इसके बाद वो अंकिता के घरवालों को भी फोन कर उसकी गुमशुदगी की जानकारी देता है. अंकिता का मोबाइल बंद था. खबर सुनते ही अंकिता का परिवार बदहवास ऋषिकेश की तरफ भागता है. अंकिता के मां-बाप 3-4 घंटे तक पुलिस स्टेशन में भटकते रहते हैं. पर उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी जाती. जबकि वो बाकायदा पुलकित का नाम ले रहे थे. हालांकि इस दौरान पुलकित के पूर्व मंत्री पिता विनोद आर्य की उसी थाने में बाकायदा आवभगत हो रही थी.

डीएम से लगाई थी मदद की गुहार
उत्तराखंड पुलिस की बेरुखी को देख कर अब अंकिता का परिवार डीएम के पास पहुंचता है. डीएम पुलिस को आदेश देते हैं. इसी के बाद 22 सितंबर को पहली बार पुलिस एफआईआर लिखती है. इधर, कहानी में नया ट्विस्ट तब आता है, जब अचानक जम्मू में रहने वाला अंकिता का दोस्त अंकिता के पिता को अंकिता से हुई आखिरी बातचीत का ऑडियो और कुछ चैट भेजता है. ये अंकिता का अपने दोस्त को किया आखिरी कॉल और वो चैट था.

पुलकित ने उगला सच
पर सवाल अब भी अपनी जगह कायम था कि अंकिता कहां है? जवाब पुलकित और उसका स्टाफ ही दे सकता था. शाम होते-होते पुलकित ने मुंह खोल ही दिया. फिर उसने अंकिता का पूरा सच बताया. पुलकित उसके मैनेजर और स्टाफ ने जो कहानी सुनाई, वो कुछ यूं थी.

18  सितंबर 2022
शाम पुलकित और अंकिता के बीच झगड़ा हुआ. अंकिता का गुस्सा शांत करने के लिए पुलकित उसे अपने साथ ऋषिकेश ले गया. चारों एक स्कूटी और बाइक पर गए थे. रिसॉर्ट से करीब 8 किमी दूर चीला बैराज के करीब चारों रुके. वहां पुलकित और उसके स्टाफ ने शराब पी. कुछ देर रुकने के बाद चारों वापस लौटने लगे लेकिन तभी अंकिता फिर भड़क उठी. एक बार फिर पुलकित के साथ उसका झगड़ा हुआ. तब ये लोग बैराज के किनारे खडे थे. नीचे बैराज का पानी बह रहा था. झगड़े के दौरान अचानक पुलकित ने अंकिता को धक्का दिया, जिससे वो बैराज में जा गिरी.

सीसीटीवी कैमरे में कैद तीनों आरोपी
मगर इसके बावजूद तीनों उसे बचाने की बजाय स्कूटी और बाइक पर वापस रिसॉर्ट की तरफ चल पड़ते हैं. इत्तेफाक से रास्ते में एक जगह सीसीटीवी कैमरा लगा है. इस कैमरे की तस्वीरें पुलिस के कब्जे में हैं. कैमरे की फुटेज में साफ दिख रहा है कि चीला बैराज जाते वक्त स्कूटी और बाइक पर चार लोग थे. मगर लौटते वक्त सिर्फ तीन. अंकिता गायब थी. पूरी रात गुजारने के बाद पुलकित ने खुद ही पुलिस स्टेशन जाकर अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा दी. ताकि कोई उस पर शक ना करे.

मगर 18 सितंबर की शाम से रात तक अंकिता के साथ पुलकित का झगड़ा क्यों हो रहा था, बैराज के पास अंकिता ने पुलकित  को ऐसा क्या कहा कि उसने उसे धक्का दिया, ये सच अब भी पुलकित छुपा रहा था. मगर तब तक पुलिस के हाथ अंकिता के जम्मू वाले उस दोस्त का ऑडियो और चैट लग चुका था. कहानी थोड़ी थोड़ी साफ हो रही थी. ऑडियो और मैसेज वो वजह भी बता रहे थे, जिस वजह से अंकिता की जान ली गई.

पिता की ऊंची पहुंच के चलते खोला था रिजॉर्ट
दरअसल, अंकिता की मौत के पीछे रिजॉर्ट में खेला जा रहा एक गंदा खेल था. पुलकित के पिता विनोद आर्य उत्तराखंड के पुराने बीजेपी नेता हैं. एक वक्त वो उत्तराखंड के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. बाप की ऊंची पहुंच का फायदा पुलकित ने उठाया. पुलकित ने बाप के रसूख से हरिद्वार से करीब 8 किमी दूर जंगल के अंदर करीब पांच साल पहले एक रिसॉर्ट बनाता है. 2018 में बाकायदा रिसॉर्ट सैलानियों के खोल दिया जाता है. जंगलों की खामोशी और तन्हाइयों के शौकीन सैलानियों के लिए ये रिसॉर्ट एक बेहद खूबसूरत जगह थी. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से रिसॉर्ट के बिजनेस पर थोड़ा असर पड़ रहा था.

रिजॉर्ट चलाने के लिए गंदा खेल
जंगल के बिल्कुल अंदर रिजॉर्ट होने की वजह से भी इसके बारे में सैलानियों को कम ही जानकारी थी. ऐसे में रिसॉर्ट चलाने के लिए पुलकित ने इसी रिसॉर्ट में दुनिया के सबसे पुराने धंधे को भी चलाने का फैसला किया. इत्तेफाक से महीना भर पहले अंकिता यहां बतौर रिसेप्शनिस्ट नौकरी करने आई. पुलकित ने अंकिता को अपना रिसॉर्ट चलाने के लिए उसी धंधे में धकेलने के लिए मजबूर किया. वो उससे सैलानियों के कमरे में जाने को कहता था. अंकिता इसके लिए तैयार नहीं थी और उसके साथ जो कुछ हो रहा था. वो अपने मां बाप को भी नहीं बता सकती थी. लेकिन उसका एक दोस्त जम्मू में था. उसने सारी बातें, उससे शेयर की, जो अब सबूत के तौर पर पुलिस के पास हैं.

ये रिसॉर्ट अंकिता की मौत के कई सबूत अपने अंदर समेटे है. ऐसे में बहुत से सवाल उठ रहे हैं,-

– मौका-ए-वारदात पर बुलडोजर क्यों चलवा दिया गया?
– कहीं ये गैर कानूनी ढांचा गिराना अंकिता की मौत से जुडे सबूतों को मिटाने की साजिश तो नहीं?
– बिना क्राइम सीन की पूरी जांच के उसे यूं मटियामेट क्यों किया गया?
– जांच के लिए फोरेंसिक टीम और वीडियोग्राफी टीम एक साथ क्यों नहीं गए?
– अभी तक आरोपियों की स्कूटी और बाइक जब्त क्यों नहीं गई?
– अगर आरोपियों ने कार का इस्तेमाल किया तो वो कार कहां हैं?
– पुलकित ने शराब पीने की बात कही है, तो ड्राइ एरिया में शराब कैसे आई?
– वारदात से जुड़ी जिन सीसीटीवी फुटेज का जिक्र पुलिस कर रही है, वो कहां हैं?
– सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व फोरेस्ट एरिया के आस-पास किसी भी निर्माण रोक लगा रखी है, तो वहां रिजॉर्ट क्यों और कैसे बन रहे हैं?
– पुलिस-प्रशासन अंकिता भंडारी की लाश का अंतिम संस्कार कराने की जल्दबाजी में क्यों था?

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