सावधान: गाड़ी की पिछली सीट पर बिना बेल्ट लगाए यात्रा करने वाले लोगों के दिल्ली ट्रैफिक पुलिस चालान काट रही है।

VSCHAUHAN for

बुधवार को नई दिल्ली जिले में एक विशेष अभियान चलाकर बैक सीट पर सीट बेल्ट न लगाने पर 17 चालान काटे गए। यह अभियान सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच बाराखंभा रोड सर्कल में चलाया गया। गुरुवार को भी नई दिल्ली एरिया में ऐसा ही अभियान चलाया जाएगा।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अब गाड़ी की बैक सीट पर सीट बेल्ट लगाए बिना यात्रा कर रहे लोगों के भी चालान काट रही है। इसे लेकर लोगों के जेहन में कई तरह के सवाल भी हैं। मसलन, अगर गाड़ी का मॉडल बहुत पुराना है और कंपनी ने पिछली सीटों पर बेल्ट दिए ही नहीं हैं, तब क्या होगा? अगर पीछे कोई बच्चा बैठा हुआ है, तो क्या उसके लिए भी बेल्ट लगाना जरूरी है? अगर पीछे की दो सीटों पर दो लोग बेल्ट लगाकर बैठे हैं, लेकिन बीच में बैठे तीसरे व्यक्ति ने बेल्ट नहीं लगाया है, क्योंकि बीच की सीट पर बेल्ट है ही नहीं, तो ऐसी सूरत में क्या होगा? ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों ने इस बारे में स्थिति स्पष्ट की है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय परिवहन मंत्रालय भी जल्द ही इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी करके नियमों को और स्पष्ट करेगा।

बच्चों को बेल्ट पहनाना जरूरी

अधिकारियों का कहना है कि अगर कंपनी ने ही गाड़ी की पिछली सीटों पर सीट बेल्ट की सुविधा नहीं दी है, तब तो चालान नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसमें चालक या गाड़ी में बैठै लोगों की गलती नहीं मानी जाएगी। हालांकि, आजकल ऐसी गाड़ियां बहुत कम ही रह गई हैं, जिनमें पीछे सीट बेल्ट ना लगा हो। अधिकतर गाड़ियों में पिछली सीट पर भी बेल्ट होता है, लेकिन लोग उसे लगाते नहीं हैं। जहां तक बच्चों का सवाल है, तो एक्सपर्ट और ट्रैफिक पुलिस, सबकी यही सलाह है कि बच्चा चाहे आगे की सीट पर बैठा हुआ हो या पिछली सीट पर, उसकी सुरक्षा के लिए उसे बेल्ट पहनाना बहुत जरूरी है, ताकि संतुलन बिगड़ने पर भी उसे चोट ना लगे। इस मामले में लोग सबसे ज्यादा अनदेखी करते हैं और बच्चों को सीट बेल्ट लगाए बिना ही गाड़ी में लेकर घूमते रहते हैं। अगर बच्चा बहुत छोटा है, तो अच्छा यही होगा कि कोई उसे अपनी गोद में लेकर बैठे।

जहां तक पीछे बैठे तीन में से दो लोगों के बेल्ट लगाने की बात है, तो गाड़ी बनाने वाली कंपनियां लोड कैपेसिटी को ध्यान में रखते हुए ही गाड़ी डिजाइन करती है और उसी के अनुसार सुविधाएं देती हैं। अगर गाड़ी में पिछली सीट पर केवल दो ही बेल्ट लगे हुए हैं, तो इसका मतलब है कि गाड़ी की सिटिंग कैपेसिटी पीछे केवल दो लोगों को बैठने की इजाजत देती है। ऐसे में अगर कोई तीन लोगों को बैठाकर गाड़ी चला रहा है, तो यह अपने आप में एक अलग वॉयलेशन है। ऐसे में सीट बेल्ट के साथ-साथ ओवरलोडिंग का भी चालान कट सकता है।

आज से ट्रैफिक पुलिस एक और नया अभियान भी शुरू करने जा रही है। इसके तहत काले शीशे वाली गाड़ी चला रहे लोगों के चालान काटे जाएंगे। जो लोग धूप से बचने के नाम पर अपनी गाड़ी के साइड के शीशों पर गहरे काले रंग के कपड़े वाली फ्रेम लगा लेते हैं, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही बिना ड्राइविंग लाइसेंस के बाइक, स्कूटर या कार चला रहे नाबालिगों के खिलाफ भी आज से विशेष मुहिम चलाई जाएगी। ऐसे मामलों में जिस व्यक्ति के नाम पर गाड़ी रजिस्टर्ड होगी, उसके खिलाफ भी अनधिकृत व्यक्ति को गाड़ी चलाने के लिए देने के आरोप में एक्शन लिया जाएगा।

ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर एस.एस. यादव का कहना है कि हमारा मकसद केवल चालान काटने का नहीं, बल्कि सीट बेल्ट के इस्तेमाल के प्रति अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने का है। एनफोर्समेंट भी अवयेरनेस का एक हिस्सा है और उसके जरिए भी लोगों के बीच एक संदेश जाता है, इसलिए अब थोड़े बहुत चालान भी काटे जा रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में जैसे जैसे हमारा अभियान आगे बढ़ेगा, हम एनफोर्समेंट पर भी और अधिक जोर देंगे। नई दिल्ली के डीसीपी (ट्रैफिक) आलाप पटेल ने बताया कि बुधवार को जिन 17 लोगों के चालान काटे गए, उनमें से किसी से भी जुर्माना कैश के रूप में नहीं वसूला गया। मोटर वीकल एक्ट के सेक्शन 194-बी के तहत ऐसे सभी लोगों के कोर्ट के चालान काटे जा रहे हैं, जिसमें 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *