द्रौपदी मुर्मू के महामहिम बनने पर देशभर में खुशी की लहर,दिल्ली के रायसिना हिल से उनके गांव रायरंगपुर तक जश्न.

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

द्रौपदी मुर्मू के महामहिम बनने पर देशभर में खुशी की लहर है,दिल्ली के रायसिना हिल से उनके गांव रायरंगपुर तक लोग जश्न में डूबे हैं. इस ऐतिहासिक जीत पर प्रधानमंत्री से लेकर विपक्ष के तमाम नेताओं ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी. NDA की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू देश की 15 वीं राष्ट्रपति होंगी. वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी. द्रौपदी मुर्मू को जीत के लिए जरूरी वोट तीसरे राउंड में ही मिल गए थे.

तीसरे राउंड के वोटों की गिनती में ही द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया था. फिर चौथे और आखिरी राउंड की गिनती के बाद जीत का अंदर और बढ़ गया.

राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती कुल चार राउंड में हुई. चुनाव में कुल 4754 वोट पड़े थे. गिनती के वक्त 4701 वोट वैध और 53 वोट अमान्य पाये गए. कुल वोटों की वैल्यू 528491 थी.

इसमें से द्रौपदी मुर्मू को कुल 2824 वोट मिले. इनकी वैल्यू 676803 थी. वहीं यशवंत सिन्हा को I877 वोट मिले. जिनकी वैल्यू 380177 रही.

यशवंत सिन्हा का तीन राज्यों में नहीं खुला खाता

नतीजों के बाद आए वोटिंग चार्ट के मुताबिक, द्रौपदी मुर्मू को हर राज्य से वोट मिले. लेकिन उनको सबसे ज्यादा वोट उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से मिले. उनको सबसे कम वोट पंजाब और दिल्ली में मिले हैं.

दूसरी तरफ विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत का तीन राज्यों में खाता भी नहीं खुला. सिन्हा को आंध्र प्रदेश, सिक्कम और नागालैंड में एक भी वोट नहीं मिला. यशवंत सिन्हा को वोट के मूल्य के हिसाब से सबसे ज्यादा वोट पश्चिम बंगाल और यूपी में मिले हैं.

पीएम मोदी ने घर जाकर दी बधाई

द्रौपदी मुर्मू के महामहिम का चुनाव जीतने पर देशभर में खुशी का माहौल है. दिल्ली के रायसिना हिल से उनके गांव रायरंगपुर तक जोरदार जश्न मनाया गया. दिग्गजों ने उनको शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मु के घर जाकर उनको बधाई दी. विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल ने भी मुर्मू बधाई संदेश दिया.

ओडिशा में हुआ था द्रौपदी मुर्मू का जन्म

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 1958 में ओडिशा के मयूरभंज में हुआ था. 1979 में उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी कॉलेज से बीए की पढ़ाई की थी. फिर 1997 में वह राजनीति में उतरीं और बीजेपी में शामिल हो गईं. इसी साल वह पार्षद बनीं. फिर 2000 में वह रायरंगपुर से विधायक चुनी गईं. उसी साल उनको ओडिशा की राज्य सरकार में मंत्री बनाया गया. विधायक के तौर पर उन्होंने अच्छा काम किया था. इसलिए 2009 में वह दोबारा विधायक चुनी गईं. इसके बाद 2015-2021 तक वह झारखंड की राज्यपाल रहीं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *