Asutosh daga for NEWS EXPRESS INDIA
देश के कई राज्यों में भारी बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के कई जिलों में मौसम (Weather Update) विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, उत्तराखंड में भी भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम का असर पहाड़ों पर दिख रहा है.आपदा राहत के लिए हेलीकाप्टर भी लगाये गए है. 9 जिलों में बारिश का रेडअलर्ट जारी किया गया है. सभी जिलों को अलर्ट रहने के निर्देश जारी किए गए हैं.
आपदा कार्यो के लिए हेलीकाप्टर तैनात
प्रदेश में एनडीआरएफ एसडीआरएफ के साथ ही आपदा कार्यो के लिए हेलीकाप्टर तैनात किए गए हैं. प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है. मौसम विभाग की इस आशंका पर आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट मोड पर है. आपदा में राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ व एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस के साथ-साथ वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं.
भारी बारिश की आशंका को देखते हुए अलर्ट
आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ रंजीत सिन्हा की मानें तो भारी बारिश की आंशका को देखते हुए विभाग पूरी तरह से तैयार है. अलर्ट के मद्देनजर देहरादून, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल, चंपावत, उधमसिंह नगर, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व हरिद्वार के जिलाधिकारी को पत्र लिखा है. आपदा की संभावना के मध्येनजर अपने जिलों में व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के संबंध में ये पत्र लिखा गया है. किसी भी आपदा की स्थिति में स्थलीय कार्यवाही करते हुए सूचनाओं का तत्काल आदान प्रदान किया जाए.
किसी भी अधिकारी व कर्मचारी का मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं होगा
सभी विभागों के अधिकारी आपस में समन्वय बनाए रखें. आपदा प्रबंधन प्रणाली के नामित अधिकारी और विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट में रहेंगे. किसी भी मोटर मार्ग के बाधित होने की दिशा में उसे तत्काल खुलवाने का कार्य होगा. सभी चौकी थाने भी आपदा संबंधी उपकरणों व वायरलेस सहित हाई अलर्ट में रहेंगे और इस अवधि में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी का मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं होगा.
कई राज्यों में बारिश का कहर
उत्तराखंड के साथ ही दिल्ली व यूपी जैसे करीबी राज्यों में भी बारिश का कहर टूटने के आसार हैं. इधर, पौड़ी, अल्मोड़ा, देहरादून, नैनीताल जैसे कई ज़िलों में कल स्कूल बंद रखने के आदेश जारी कर दिए गए थे., वहीं हरिद्वार में एक हफ्ते स्कूल बंद रहेंगे. पहाड़ों में भारी बारिश का सीधा संबंध चट्टानों के टूटने, लैंडस्लाइड और भूधंसाव से है. कई रास्ते पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से अब तक प्रभावित हैं. उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए अगले तीन चार दिन बरसात के लिहाज़ से कठिन हो सकते हैं.