उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के दो शाखा प्रबंधक गिरफ्तार किए: बिना अनुमति एसएमएस अलर्ट नंबर बदलकर खाते से धनराशि निकाली.

VSCHAUHAN for NEWS EXPRESS INDIA

देहरादून: साइबर ठगों ने तो नाक में दम कर ही रखा है, उस पर बैंकों के कुछ अधिकारी-कर्मचारी भी ग्राहकों की गाढ़ी कमाई पर गिद्ध दृष्टि जमाए बैठे हैं। बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों की ओर से धोखाधड़ी कर ग्राहकों के खातों से धनराशि निकालने के मामले लगातार प्रकाश में आ रहे हैं।

ऐसे ही एक मामले में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के दो अधिकारियों को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार किया है। दोनों बैंक अधिकारियों पर एक खाताधारक का एसएमएस अलर्ट नंबर बदलकर उनके खाते से 12 लाख रुपये निकालने का आरोप है।

एक आरोपित वर्तमान में बैंक की बदरपुर (दिल्ली) शाखा में कार्यालय सहायक प्रबंधक के पद पर तैनात है तो दूसरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून में प्रबंधक।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि इसी वर्ष मई में सेलाकुई निवासी सुमन सहगल ने बैंक कार्मिकों के विरुद्ध धोखाधड़ी की शिकायत की थी। इसमें सुमन ने बताया कि सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की सेलाकुई शाखा में उनका खाता है।

बैंक अधिकारियों ने जिसका एसएमएस अलर्ट नंबर बदलकर उनके खाते से 12 लाख रुपये निकाल लिए हैं। इस मामले में एसटीएफ ने मुकदमा दर्ज कर जांच की तो शिकायत सही निकली।

पता चला कि धनराशि बैंक की बदरपुर (दिल्ली) शाखा के कार्यालय सहायक प्रबंधक अनिरुद्ध थापा और क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून के प्रबंधक सनी गुलेरी ने निकाली है। शुक्रवार को एसटीएफ ने अनिरुद्ध थापा निवासी नींबूवाला गढ़ी कैंट (देहरादून) को दिल्ली से और सनी गुलेरी निवासी ग्राम ज्वालामुखी जिला कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया।

मई में भी तीन बैंक अधिकारी गिरफ्तार

इसी वर्ष मई में विकासनगर के हरबर्टपुर निवासी

अतुल कुमार शर्मा ने भी पुलिस से उनकी माता के बैंक खाते से 31 लाख रुपये निकाले जाने की शिकायत की थी। यह खाता सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की हरबर्टपुर शाखा में है।

एसटीएफ ने इस मामले की जांच की तो पता चला कि बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों ने मिलीभगत कर ग्राहक का एसएमएस अलर्ट नंबर बदलकर खुद ही धनराशि निकाली है।

इस मामले में एसटीएफ ने 24 मई को सेंट्रल बैंक आफ इंडिया की दिल्ली स्थित करोलबाग शाखा के प्रबंधक निश्चल राठौर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था।

आरोपित से पूछताछ के बाद उनके सहयोगी बैंक की सेलाकुई शाखा के सहायक वित्त अधिकारी मोहम्मद आजम और सहायक प्रबंधक कवीश डंग को विकासनगर से गिरफ्तार किया गया था।

लंबे समय से निष्क्रिय खातों को बनाते थे शिकार

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आरोपित काफी शातिर हैं। वह ऐसे ग्राहकों को शिकार बनाते थे, जिनका खाता लंबे समय से निष्क्रिय पड़ा हो। ऐसे खातों की जानकारी हासिल कर आरोपित उनका एसएमएस अलर्ट नंबर बदल देते थे।

 

एसएमएस अलर्ट और फोन बैंकिंग के लिए जो मोबाइल नंबर उपयोग किया जाता था, वह भी फर्जी नाम-पते पर लिया जाता था। इसके बाद आरोपित उक्त खाते से सीधे धनराशि निकालने के बजाय उससे आनलाइन सोना खरीदते थे। इस सोने को कुछ दिन बाद बेचकर प्राप्त धनराशि आपस में बांट लेते थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *