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वैश्विक स्तर पर उपजे गेहूं संकट के बीच भारत ने तुर्की को गेहूं की खेप भेजी थी. तुर्की ने गेहूं में रूबेला वायरस होने की शिकायत करते हुए खेप लौटा दी थी. इसके बाद इस गेहूं को मिस्र भेजे जाने की रिपोर्ट सामने आई.
रूस और यूक्रेन के युद्ध की वजह से पूरी दुनिया में गेहूं की सप्लाई पर असर हुआ है मिस्र में गेहूं की भारी कमी है इसलिए मिश्र भारत से5000,000 टन गेहूं आयात करेगा और बदले में वह भारत को उर्वरक और अन्य सामान उपलब्ध कराएगा.
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गेहूं को तुर्की भेजने वाली कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि गेहूं में रूबेला वायरस होने की खबर कोरी अफवाह थी.
कंपनी के एग्रोबिजनेस विभाग के सीईओ रजनीकांत राय ने कहा कि उन्होंने गेहूं की जो खेप तुर्की भेजी थी, वह क्वालिटी के मानकों पर खरी उतरती है.
उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि 55,000 टन गेहूं की यह खेप डच की एक कंपनी ईटीजी कमोडिटीज को बेची गई थी.इस डच कंपनी ने गेहूं के क्वालिटी टेस्ट के लिए एक स्विस कंपनी एसजीएस को चुना था.
भारत के गेहूं में रूबेला वायरस एक अफवाह
राय ने कहा, आईटीसी ने क्वालिटी गेहूं की डिलीवरी की थी और इस खेप को मई के मध्य में रवाना किया गया था. हमें बाद में पता चला कि ईटीजी ने यह खेप तुर्की के एक खरीदार को बेच दी थी. मई के आखिर में हमें पता चला कि तुर्की ने इस खेप को ठुकरा दिया. आईटीसी और ईटीजी दोनों को इस डील के लिए भुगतान किया जा चुका है. गेहूं की गुणवत्ता का मुद्दा उठाने से लगता है कि वैश्विक अनाज सप्लायर के तौर पर भारत की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है.
तुर्की की गेहूं बाजार पर नियंत्रण की कोशिश
भारत विश्व में गेहूं के व्यापार का महत्वपूर्ण भागीदार रहा है. मौजूदा गेहूं संकट भारत के लिए एक अवसर की तरह सामने आया है.
उन्होंने कहा, तुर्की दरअसल यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह पर फंसे गेहूं की खेप को हासिल करना चाहता है. ऐसा कर तुर्की वैश्विक गेहूं बाजार पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है.
अगर यूक्रेन, रूस और तुर्की के बीच चल रही बातचीत सफल हो जाती है तो बड़ी मात्रा में यूक्रेन में फंसा गेहूं नियंत्रित तरीके से वैश्विक बाजारों तक पहुंचेगा.उन्होंने कहा, इसलिए तुर्की भारत के गेहूं को ठुकरा रहा है.भारत के गेहूं को ठुकरा कर वह बाजार को संकेत देने की कोशिश कर रहा है कि जल्द ही बड़ी मात्रा में गेहूं की सप्लाई होने वाली है और तुर्की इसका ट्रांसपोर्टेशन करेगा.
तुर्की को भेजी गई गेहूं की खेप भारत से सीधे नहीं भेजी गई थी गेहूं की खेत पोलैंड होलैंड जानी थी भारत में यह गेहूं नीदरलैंड की आईटीसी लिमिटेड कंपनी को बेचा था उसके बाद यह तुर्की पहुंचा था.